गाजा की तीन सप्ताह से अधिक समय से जारी घेराबंदी के बीच पहली बार फलस्तीनियों को शहर छोड़ने की अनुमति दी गई, जहां बुधवार को दूसरे दिन भी इजरायली हवाई हमलों में एक शरणार्थी शिविर को निशाना बनाया गया।
फलस्तीन क्रॉसिंग अथॉरिटी के प्रवक्ता वईल अबू उमर के अनुसार, बिगड़ती परिस्थितियों के बीच, बुधवार दोपहर तक 110 विदेशी पासपोर्ट धारकों को गाजा से बाहर जाने की अनुमति दी गई।
उमर के अनुसार, 335 विदेशी पासपोर्ट धारकों को ले जाने वाली छह बस बुधवार की दोपहर तक राफा क्रॉसिंग के जरिए गाजा से मिस्र के लिए रवाना हुईं।
प्राधिकरण ने कहा कि इस योजना के तहत 400 से अधिक विदेशी पासपोर्ट धारकों के मिस्र जाने की अनुमति दी गई थी।
मिस्र ने कहा है कि वह फलस्तीनी शरणार्थियों की आमद को स्वीकार नहीं करेगा क्योंकि उसे डर है कि इजराइल युद्ध के बाद उन्हें गाजा लौटने की अनुमति नहीं देगा।
दर्जनों लोगों को रफह क्रॉसिंग में प्रवेश करते हुए और एंबुलेंस में घायल फलस्तीनियों को मिस्र की ओर ले जाते हुए देखा गया।
गाजा में बमबारी के चलते हजारों लोग बेघर हुए हैं और भोजन, जल और ईंधन की किल्लत बढ़ती जा रही है। इस दौरान हमास द्वारा रिहा किए गए चार बंधकों के अलावा किसी को शहर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी। इस सप्ताह की शुरुआत में इजराइली बलों ने एक और बंधक को छुड़ा लिया था।
इस बीच, अल-जजीरा टेलीविजन ने गाजा शहर के निकट जबलिया शरणार्थी शिविर में मची तबाही और बच्चों समेत अनेक घायल लोगों का वीडियो प्रसारित किया, जिन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया जा रहा है।