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US Presidents: बिखर गया सोवियत संघ, इराक के ख़िलाफ युद्ध, अहम घटनाओं के साक्षी रहे जॉर्ज बुश सीनियर भी नहीं हासिल कर सके दूसरा कार्यकाल

एक तरफ मिडिल ईस्ट में जबरदस्त तनाव है वहीं इजरायल लेबनान, यमन, ईरान से आक्रमक तरीके से भिड़ता नजर आ रहा है। वहीं दूसरी तरफ इजरायल के पीछे मजबूती से खड़ा अमेरिका इस साल अपने नए राष्ट्रपति को चुनने जा रहा है। रिपबल्किन डोनाल्ड ट्रंप और रिपबल्किन कमला हैरिस के बीच मुकाबला है। 5 नवबंर को होने वाले चुनाव और उसके नतीजे युद्ध के आगोश में जूझती दुनिया के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। नए राष्ट्रपति वर्तमान हालात को कैसे डील करता है। बात अमेरिका के राष्ट्रपति की हो रही है तो आज आपको एक ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकाल से रूबरू करवाते हैं जिनके कार्यकाल में दुनिया कोल्ड वॉर और खाड़ी युद्ध के दौड़ से जूझ रही थी। 

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 अमेरिका के 41वें राष्ट्रपति जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश

संयुक्त राज्य अमेरिका के 41वें राष्ट्रपति जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश को एक अनुभवी राजनयिक और व्यावहारिक नेता के रूप में याद किया जाता है। उनका राष्ट्रपति पद का कार्यकाल शीत युद्ध और खाड़ी युद्ध के दौड़ के समापन का कालखंड रहा था। विदेशी मामलों में उनके व्यापक अनुभव और विदेश नीति की सफलताओं के बावजूद बुश के कार्यालय को घरेलू आर्थिक संकटों के कारण विस्तार नहीं मिल सका। नतीजतन 1992 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उनकी हार हुई।

बुश और युद्ध

जॉर्ज हर्बर्ट वॉकर बुश का जन्म 12 जून, 1924 को मिल्टन, मैसाचुसेट्स में न्यू इंग्लैंड के एक प्रमुख परिवार में हुआ था। उनके पिता, प्रेस्कॉट बुश, कनेक्टिकट से अमेरिकी सीनेटर थे, और युवा जॉर्ज का पालन-पोषण सार्वजनिक सेवा पर जोर देने के साथ हुआ था। पर्ल हार्बर पर हमले के बाद, बुश ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी नौसेना में भर्ती होने के लिए अपनी विश्वविद्यालय की शिक्षा स्थगित कर दी। महज 18 साल की उम्र में वह सबसे कम उम्र के नौसैनिकों में से एक बन गए। उन्होंने टारपीडो बमवर्षक पायलट के रूप में सेवा की। उन्होंने प्रशांत क्षेत्र में 58 लड़ाकू अभियानों में उड़ान भरी और विशिष्ट फ्लाइंग क्रॉस अर्जित किया।

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जॉर्ज बुश का कार्यकाल

1988 में जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश राष्ट्रपति पद के लिए मैदान में उतरे। उन्होंने खुद को रीगन की विरासत के उत्तराधिकारी के रूप में स्थापित किया। उन्होंने डेमोक्रेट माइकल डुकाकिस को हराकर निर्णायक रूप से चुनाव जीता। बुश के राष्ट्रपतित्व को महत्वपूर्ण विदेश नीति उपलब्धियों द्वारा परिभाषित किया गया था। उनके प्रशासन ने शीत युद्ध के शांतिपूर्ण अंत को भी काफी कुशलता से डील किया। बुश ने सोवियत संघ के विघटन के प्रबंधन और वैश्विक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव के साथ मिलकर काम किया। 

 इराक के ख़िलाफ युद्ध 

1991 में उन्होंने गठबंधन सेना के नेतृत्व में इराक के ख़िलाफ युद्ध छेड़ दिया। तब राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के नेतृत्व में इराक ने कुवैत पर हमला किया था। उनके इस क़दम का मतदाताओं ने काफ़ी समर्थन किया था लेकिन व्हाइट हाउस में एक कार्यकाल गुज़ारने के बाद उन्हें इस पद को छोड़ना पड़ा था। उनके बाद राष्ट्रपति के तौर पर उनकी जगह डेमोक्रेट नेता बिल क्लिंटन ने ली थी।  

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