पोलैंड ने मंगलवार को कहा कि जर्मनी ने उसे सूचित किया है कि वह द्वितीय विश्व युद्ध की भरपाई के लिए वारसॉ को किसी भी तरह की क्षतिपूर्ति पर बातचीत में शामिल होने का इरादा नहीं रखता है और इस मामले को समाप्त मानता है।
पोलैंड के विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसने नाजी जर्मनी के 1939-45 के शासन के तहत हुए अनुमानित नुकसान के लगभग 1.3 ट्रिलियन डॉलर के मुआवजे को पाने के अपने प्रयासों के तहत समर्थन के लिए संयुक्त राष्ट्र का रुख किया है।
लंबे समय से जारी विवाद के दौरान जर्मनी इस बात पर जोर देता रहा है कि इस मामले को साम्यवादी समय के दौरान लिए गए फैसलों से बंद कर दिया गया था, जब वारसॉ ने क्षतिपूर्ति की मांग को छोड़ दिया था।
पोलैंड का कहना है कि यह रूस के दबाव में किया गया था और यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं था। इसने अक्टूबर में एक आधिकारिक मांग भेजी। पोलैंड के नेता सुझाव देते रहे हैं कि बातचीत की संभावना बरकरार है।
पोलैंड के विदेश मंत्रालय ने 28 दिसंबर के एक आधिकारिक नोट में कहा कि बर्लिन में सरकार ने कहा कि ‘‘युद्धकालीन नुकसान की भरपाई और मुआवजे का मामला बंद है और जर्मन सरकार इस विषय पर बातचीत शुरू करने का इरादा नहीं रखती है।’’
मंत्रालय ने व्यापक मोर्चे पर अपने प्रयासों को जारी रखने का संकल्प लिया और कहा कि मंगलवार को सरकार ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और संयुक्त राष्ट्र के अन्य शीर्ष अधिकारियों को दिये संदेश में युद्धकालीन क्षतिपूर्ति पाने के प्रयासों में ‘‘सहयोग और समर्थन’’ का आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई।