अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रथम उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों-ऋण राहत, क्रिप्टो करेंसी का विनियमन और जलवायु वित्त-में ठोस प्रगति कर सकता है।
गोपीनाथ ने ट्विटर पर साझा किए गए एक वीडियो में तीन क्षेत्रों के बारे में बताया। वह जी20 के तहत आयोजित विचार-विमर्श के लिए भारत में हैं।
उन्होंने कहा, “हमारे सामने बड़ी संख्या में निम्न-आय वाले देश हैं, जो ऋण संकट से जूझ रहे हैं। हमारे पास भले ही ऋण संकट से निपटने में मदद करने के लिए जी-20 सामान्य ढांचा है, लेकिन हमें समूह की ताकत में लगातार सुधार करने और समय पर समाधान प्राप्त करने की जरूरत है।”
गोपीनाथ ने क्रिप्टो करेंसी क्षेत्र में हाल ही में आई मंदी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत नियामक आवश्यक हो गए हैं।
उन्होंने कहा, “उस मोर्चे पर प्रगति 2023 की एक बड़ी उपलब्ध साबित होगी।”
जलवायु वित्त पर गोपीनाथ ने कहा, “विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने और जलवायु शमन में योगदान देने में सक्षम बनाने के लिए उन्हें बहुत अधिक वित्तपोषण की आवश्यकता होगी। यह तीसरा क्षेत्र है, जहां ठोस प्रगति की जा सकती है।