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ग्रीन क्रेडिट, क्लाइमेट चेंज की चुनौती का जिक्र, वन अर्थ पर जोर, क्या रहे G-20 समिट में पीएम मोदी के बड़े प्रस्ताव

जी20 ने आज नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में एक नए स्थायी सदस्य अफ्रीकी संघ को शामिल किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जिसमें मानव-केंद्रित विकास और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में विश्वास की कमी को कम करने की आवश्यकता के बारे में बात की गई, जो कि कोविड -19 प्रेरित महामारी के परिणामस्वरूप हुआ। उन्होंने मोरक्को को हरसंभव सहायता का भी आश्वासन दिया, जहां आज सुबह भूकंप ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली। समिट में मोदी के कंट्री कार्ड पर ‘भारत’ लिखा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की शुरुआत की और विकास के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के बारे में बात की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कैसे कोविड-19 प्रेरित महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में विश्वास की कमी पैदा कर दी है और जी20 सदस्यों से इस अंतर को कम करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

ह्यूमन सेंटरिक अप्रोच 

वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल हो, नार्थ और साउथ का डिवाइड हो, ईस्ट और वेस्ट की दूरी हो, फूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर का मैनेजमेंट हो, टेररिज्म और साइबर सिक्योरिटी हो, हेल्थ एनर्जी और वॉटर सिक्योरिटी हो, वर्तमान के साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें इन चुनौतियों के ठोस समाधान की तरफ बढ़ना ही होगा। 21वीं सदी का ये समय पूरी दुनिया को नई दिशा दिखाने वाला और नई दिशा देने वाला एक महत्त्वपूर्ण समय है। ये वो समय है जब वर्षों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही हैं। इसलिए हमें ह्यूमन सेंटरिक अप्रोच के साथ अपने हर दायित्व को निभाते हुए ही आगे बढ़ना है।

मानव केंद्रित विकास पर जोर

मानव केंद्रित विकास को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया, जिस पर भारतीय संस्कृति ने हमेशा जोर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि ये एक पृथ्वी की भावना का साथ ही है कि भारत ने लाइफ मिशन जैसी पहल पर काम किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष पर जोर दिया है, ग्रीन ग्रिड पहल शुरू की है। एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड, प्रयुक्त सौर ऊर्जा, प्राकृतिक खेती और राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को प्रोत्साहित किया।

ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव पर काम की शुरुआत 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए दशकों से कार्बन क्रेडिट की चर्चा चल रही है। कार्बन क्रेडिट इस भावना पर बल देता है कि क्या नहीं करना चाहिए। ये एक नकारात्मक नजरिया है। इस कारण, अक्सर इस बात पर ध्यान नहीं दिया जाता कि क्या सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए। सकारात्मक कदमों के लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था का अभाव है। ग्रीन क्रेडिट हमें इसी का रास्ता दिखाता है। इस सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए मेरा प्रस्ताव है कि जी20 के देश एक ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव पर काम की शुरुआत करें।  

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