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Prabhasakshi Exclusive: क्या Qin Gang का दिल चुराने वाली Phoenix TV की एंकर ने ही चीनी विदेश मंत्री की कुर्सी छीनी है?

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि चीन ने ‘लापता’ विदेश मंत्री छिन कांग को पद से हटाकर वांग यी को क्यों विदेश मंत्री बनाया? हमने यह भी जानना चाहा कि हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की वांग से मुलाकात को कैसे देखते हैं आप? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि दरअसल छिन कांग विदेश मंत्री बनने के बाद से लगातार जिस तरह आक्रामकता के साथ काम कर रहे थे उससे चीन के संबंध कई देशों के साथ खराब दौर में पहुँच गये थे। इसलिए छिन कांग को सिर्फ मंत्री पद से नहीं हटाया है बल्कि उनसे संबंधित सारा डेटा भी हटा दिया गया है। आपको ना तो चीन के विदेश मंत्री के रूप में उनकी द्विपक्षीय मुलाकातों, भाषणों और बैठकों का कोई ब्यौरा चीन में मिलेगा ना ही उनकी विदेश मंत्री के रूप में कार्यक्रमों में शामिल होने संबंधी कोई तस्वीर दिखाई देगी। जिस तरह से उनको लगभग एक महीने तक गायब रखा गया वह दर्शा रहा है कि उनके खिलाफ कोई सख्त एक्शन लिया गया है जिसकी जानकारी दुनिया को नहीं दी गयी है। उन्होंने कहा कि जब छिन कांग विदेश विभाग के प्रवक्ता थे तब संभवतः वह एक महिला एंकर के करीब आ गये थे और यह रिश्ते अब भी जारी थे। संभवतः उनके खिलाफ की गयी कार्रवाई का एक कारण यह भी रहा होगा।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि चीन ने विदेश मंत्री छिन कांग को बर्खास्त कर वरिष्ठ नेता वांग यी को इस पद पर फिर से नियुक्त कर दिया है और इस नियुक्ति के साथ सख्त प्रशासन वाले कम्युनिस्ट देश में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी विश्वासपात्र से जुड़े दुर्लभ घटनाक्रम का अंत हो गया। छिन लगभग एक महीने से सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए हैं। छिन को लेकर कई तरह की अटकलों के बीच चीन की नाममात्र की संसद ने उन्हें हटाने के फैसले को मंजूरी दे दी। 57 वर्षीय छिन को पिछले साल दिसंबर में कई वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर विदेश मंत्री बनाया गया था और उन्हें सत्तारुढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) में एक उभरते सितारे के तौर पर देखा जा रहा था। वह चीन के इतिहास में इस पद पर नियुक्त सबसे कम उम्र के व्यक्तियों में से एक थे।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने बताया कि शी ने छिन को विदेश मंत्री बनाए जाने से पहले वाशिंगटन के साथ बीजिंग के तनाव भरे संबंधों को स्थिर करने के लिए अमेरिका में चीन का राजदूत बनाया था। छिन को अचानक हटाए जाने का कोई कारण नहीं बताया गया है। वैसे श्रीलंका, वियतनाम और रूस के अधिकारियों से 25 जून को मुलाकात के बाद छिन को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। उन्होंने बताया कि चीन की संसद ने 69 वर्षीय वांग को विदेश मंत्री नियुक्त करने के लिए मतदान किया और छिन को पद से हटा दिया। वांग ने इससे पहले 2013 से 2022 तक विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने बताया कि चीनी राजनीतिक पदानुक्रम में विदेश मंत्री का पद सीपीसी के विदेश मामलों के आयोग के निदेशक से काफी नीचे है। वांग को सीपीसी के उच्च राजनीतिक पद, स्टेट काउंसलर के पद पर भी पदोन्नत किया गया था।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि छिन के जनता की नजरों से ओझल रहने और बैठकों से दूर रहने के कारण कयास लगाए जाने लगे कि वह स्वस्थ नहीं हैं। बाद में भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल होने के अलावा हांगकांग के ‘फोनिक्स टीवी’ में कार्यरत एक चीनी पत्रकार के साथ उनके कथित संबंध की अफवाहें भी फैलीं। उन्होंने कहा कि चीनी विदेश मंत्रालय छिन की अनुपस्थिति और वह कहां हैं, इस बारे में पत्रकारों के सवालों को लगातार टालता रहा। उन्होंने कहा कि छिन को पद से हटाए जाने को शी के लिए एक बड़ा झटका और शर्मिंदगी का सबब माना जा रहा है, जो सीपीसी संस्थापक माओत्से तुंग के बाद सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में उभरे हैं।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि विदेश मंत्री के रूप में अपने संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान, छिन ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के कारण तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को सहज बनाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से दो बार मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि दिलचस्प बात यह भी है कि वांग ने सोमवार को जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स देशों के एनएसए की बैठक के मौके पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से मुलाकात की। बैठक के दौरान, डोभाल ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन एवं शांति बहाली के प्रयास जारी रखने की जरूरत पर जोर दिया ताकि द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की ‘बाधाओं’ को दूर किया जा सके।

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