पाकिस्तान कंगाल हो चुका है और देश तमाम तरह की समस्याओं से जूझ रहा है लेकिन पाकिस्तान और वहां की प्रांतीय सरकारें समस्याओं का हल करने की बजाय नयी समस्याएं खड़ी करती जा रही हैं। अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को ही लीजिये, यहां इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की सरकार है। जिसने एक ऐसा निर्णय लिया है जिसके खिलाफ पूरे पीओके में बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। हम आपको बता दें कि पीओके की जरूरत निर्बाध बिजली आपूर्ति, रोजगार के अवसर बढ़ाना, खाने-पीने के जरूरी सामान की किल्लत को दूर करना और आतंकी प्रशिक्षण कैम्पों का सफाया करना है लेकिन यहां हो उल्टा रहा है। देखा जाये तो पीओके की जनता काफी समय से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ सड़कों पर है क्योंकि इस क्षेत्र के साथ लगातार भेदभाव बरता जा रहा है। वित्तीय और खाद्य संकट से जूझते पाकिस्तान में सबसे कम मदद इस क्षेत्र को ही दी जा रही है। पाकिस्तान की संघीय सरकार तो पीओके के साथ भेदभाव बरत ही रही है साथ ही इमरान खान की पार्टी के नेतृत्व वाली प्रांतीय सरकार भी पीओके के लोगों का जीना मुहाल कर रही है।
पीओके की सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है जिससे लगता है कि पीओके में तालिबान राज आ गया है। दरअसल सरकार ने आदेश दिया है कि पीओके के स्कूलों में शिक्षिकाओं और छात्राओं को हिजाब पहनना अनिवार्य होगा। खासतौर पर सह-शिक्षण संस्थानों में महिला शिक्षकों और छात्राओं को हिजाब पहनने संबंधी फैसला कड़ाई के साथ लागू किया जायेगा। इस फैसले से संबंधित अधिसूचना जैसे ही सामने आई वैसे ही इसका विरोध होने लगा। पीओके में लोग इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं। वहीं इस्लामिक स्कॉलरों का कहना है कि जरूरत इस क्षेत्र से आतंकवाद को खत्म करने की है लेकिन सरकार यहां तालिबान राज थोप रही है।
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हम आपको यह भी बता दें कि यह निर्णय ऐसे समय आया जब पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही थी। महिलाओं के अधिकारों और उनकी आजादी को कैसे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और अन्य इस्लामिक देशों में कुचला जा रहा है, पीओके की सरकार का यह निर्णय उसकी एक बानगी है।