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रूसी गोलाबारी में यूक्रेन के खेरसॉन शहर का ऐतिहासिक चर्च क्षतिग्रस्त

रूसी गोलाबारी में बृहस्पतिवार को यूक्रेन के खेरसॉन शहर स्थित एक ऐतिहासिक चर्च क्षतिग्रस्त हो गया, जिसमें कभी 18वीं शताब्दी के उस मशहूर कमांडर के अंतिम अवशेष दफनाए गए थे जिसने आधुनिक यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों पर रूसी नियंत्रण स्थापित किया और क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया।
यूक्रेन की आपात सेवा की ओर से कहा गया कि दूसरे दौर की गोलाबारी के दौरान उसके चार कर्मचारी घायल हो गये जो ‘सेंट कैथरीन्स कैथेड्रल’ में लगी आग बुझाने में शामिल थे।
सामान्य अभियोजक (जनरल प्रोसेक्यूटर) कार्यालय ने कहा कि पहले दौर की गोलाबारी के दौरान चार अन्य लोग घायल हुए थे, जिसने एक ट्रॉलीबस को भी निशाना बनाया था।
ओडेसा में पिछले सप्ताह मिसाइल हमले में एक लोकप्रिय ऑर्थोडॉक्स कैथेड्रल को हुई गंभीर क्षति के बाद यह गोलाबारी की गई।

इस गोलाबारी ने देश के सांस्कृतिक स्मारकों पर युद्ध के खतरे को रेखांकित किया है।
वर्ष 1781 में निर्मित खेरसॉन चर्च शहर की सबसे उल्लेखनीय इमारतों में से एक है। यह कभी रूसी महारानी ‘कैथरीन द ग्रेट’ के पसंदीदा प्रिंस ग्रिगोरी पोटेमकिन की कब्रगाह थी। पोटेमकिन ने 1784 में क्रीमिया पर कब्जे की योजना बनाई थी।
लेकिन इस शहर पर रूसी कब्जे के दौरान उनके अंतिम अवशेष पिछले साल हटा दिए गए थे। हालांकि यूक्रेन के जवाबी हमले के कारण रूसी सेनाएं पिछले साल नवंबर में खेरसॉन से लौटने को मजबूर हो गईं।
यूक्रेनी राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा कि बीते दिन दो लोग मारे गये- एक पूर्वी यूक्रेन के दोनेत्स्क प्रांत में और दूसरा जापोरिज्जिया में।
यूक्रेनी वायुसेना ने कहा कि रूस ने कीव क्षेत्र पर 15 शाहिद ड्रोन से हमले किए, लेकिन सभी (ड्रोन) को मार गिराया गया।

कीव क्षेत्र के गवर्नर रुसलन क्रावचेंको ने कहा कि हमले में किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है।रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि छह यूक्रेनी ड्रोन को कालुगा क्षेत्र में मार गिराया गया, जो मॉस्को से 150 किलोमीटर दक्षिण में है।
करीब नौ महीने तक रूसी कब्जे में रहे खेरसॉन पर यूक्रेनी सेना ने पिछले साल नवंबर में दोबारा अपना कब्जा जमा लिया था और यह क्रेमलिन के लिए एक शर्मनाक पराजय थी।
यूक्रेन के कब्जे के साथ खेरसॉन तुरंत दक्षिण में युद्ध का अग्रिम मोर्चा बन गया और इसे रूस की ओर से तोप और ड्रोन के जरिये किये जा रहे घातक हमले का सामना करना पड़ रहा है।

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