स्वीडन में मुस्लिमों की पवित्र किताब कुरान को जलाने की एक और घटना सामने आई है। दो लोगों ने स्टॉकहोम में संसद के बाहर कुरान को फिर से जला दिया। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दो व्यक्तियों सलवान मोमिका और सलवान नजेम ने पहले पवित्र पुस्तक को लात मारी और फिर उसे बंद करने से पहले उसके पन्नों में आग लगा दी। इस घटना में शामिल दोनों वही थे जिन्होंने जून के महीने में स्टॉकहोम की मुख्य मस्जिद के बाहर इसी तरह की शरारत की थी। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने सोमवार को संसद के बाहर एक विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी, जिसमें उत्तेजित प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर मुस्लिम पवित्र पुस्तक को जलाने की योजना बनाई।
इसे भी पढ़ें: छवि को नुकसान पहुंचा, NATO में शामिल होने की उसकी कोशिशों में अड़ंगा डालने का प्रयास, कुरान जलाने की घटनाओं को लेकर स्वीडन ने रूस पर लगाया गंभीर आरोप
स्वीडन में इस्लाम विरोधी कुछ लोगों द्वारा सार्वजनिक रूप से कुरान की बेअदबी किए जाने की घटनाओं को लेकर मुस्लिम देशों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। लोके रासमुसेन ने कहा कि देश की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन की कैबिनेट ऐसे कृत्यों पर लगाम लगाने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से समझौता किए बिना एक कानूनी तरीका खोजने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि यह काम आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि धार्मिक आलोचना के लिए जगह होनी चाहिए और ईशनिंदा संबंधी धारा को फिर से लागू करने का हमारा कोई विचार नहीं है।
इसे भी पढ़ें: Islam के खिलाफ क्या शुरू हो गई है सबसे बड़ी जंग? कुरान जलाने के लिए लंबी लाइन
पड़ोसी मुल्क डेनमार्क सरकार विदेशी दूतावासों के सामने कुरान एवं अन्य धार्मिक पवित्र पुस्तकों की बेअदबी की घटनाओं को अवैध बनाएगी। डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने यह जानकारी दी। रासमुसेन ने देश के सार्वजनिक प्रसारक ‘डीआर’ से साक्षात्कार के दौरान कहा कि पवित्र ग्रंथों को जलाने की घटनाएं ‘‘उस दुनिया में केवल विभाजन पैदा करने का काम करती है, जिसे वास्तव में एकता की आवश्यकता है।