मध्य अमेरिकी देश होंदुरास की राष्ट्रपति शिओमारा कास्त्रो ने मंगलवार को घोषणा की कि उनकी सरकार चीन से राजनयिक संबंध स्थापित करना चाहती है। कास्त्रो की इस घोषणा के बाद होंदुरास के ताइवान से संबंध टूटने की आशंका है।
होंदुरास के इस फैसले के बाद ताइवान के पास केवल 13 देशों की मान्यता रह जाएगी। चीन ताइवान को ‘एक चीन’ नीति का हिस्सा बताता है।
कास्त्रो ने ट्वीट किया कि उन्होंने विदेश मंत्री एडवर्डो रिएना को चीन के साथ वार्ता शुरू करने का निर्देश दिया है।
कास्त्रो ने 2021 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान के दौरान कहा था कि अगर वह चुनाव जीतती हैं तो चीन के साथ संबंधों पर ध्यान देंगी। हालांकि बाद में उनकी सरकार उनके इन बयानों से पीछे हट गई थी। जनवरी 2022 में विदेश मंत्री ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा था कि होंदुरास ताइवान के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाना जारी रखेगा और चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करना कास्त्रो की प्राथमिकता नहीं है।
कास्त्रो के ताजा बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह “होंदुरास सरकार के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त करता है। हमारा देश होंदुरास को कई बार स्पष्ट कर चुका है कि ताइवान अपने सहयोगियों के लिए एक ईमानदार और विश्वसनीय भागीदार है। होंदुरास से अनुरोध है कि वह सावधानी से विचार करे और चीन के जाल में न फंसे या ऐसा कोई गलत निर्णय न ले जिससे ताइवान और होंदुरास के बीच दीर्घकालिक मित्रता को नुकसान पहुंचे।
ताइवानी मीडिया ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने होंदुरास के राजदूत हेरोल्ड बर्गोस को तलब किया है।
बर्गोस ने पत्रकारों से कहा कि वह फिलहाल अपनी सरकार के आदेशों का इंतजार कर रहे हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीजिंग होंदुरास के बयान का स्वागत करता है।
वांग ने कहा, “दुनिया के 181 देशों ने चीन के साथ एक-चीन सिद्धांत के आधार पर राजनयिक संबंध स्थापित किए हैं, यह एक तथ्य है। यह पूरी तरह से साबित करता है कि चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करना ऐतिहासिक घटनाक्रम की सामान्य समझ और चीन के रुख के अनुरूप एक सही विकल्प है।