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कनाडा में घर का संकट, सरकार ने ले लिया ये फैसला, भारतीय छात्रों पर पड़ेगा असर

कनाडा दूसरे देशों से अपने यहां पढ़ने आए स्टूडेंट्स की संख्या सीमित करने पर विचार कर रहा है। आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने संकेत दिया है कि सरकार देश में रहने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या पर एक सीमा लगाने पर विचार कर रही है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि सरकार का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों की आमद के कारण आवास पर पड़ने वाले तनाव को दूर करना है। हालाँकि मंत्री ने यह नहीं बताया कि कितनी कटौती पर विचार किया जा रहा है, उन्होंने संघीय और प्रांतीय सरकारों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

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सीटीवी के प्रश्न काल के साथ एक साक्षात्कार में मिलर ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या के प्रबंधन की जिम्मेदारी लेने वाले प्रांतों के महत्व पर जोर दिया। कनाडा के इमीग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने कहा है कि इस बारे में अंतिम फैसला प्रांतीय सरकारों से सलाह के बाद लिया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा है कि विदेशी छात्रों की संख्या को सीमित करने से सभी क्षेत्रों में आवास की समस्या खत्म नहीं होगी। लेकिन फिलहाल ये सबसे उपयुक्त विकल्पों में से एक है।  

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4 करोड़ की आबादी वाले कनाडा में फिलहाल 9 लाख से अधिक विदेशी छात्र हैं। इनकी कनाडा की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका है। भारत से भी वहां बड़ी संख्या में लोग पढ़ने और रोजगार की तलाश में जाते हैं। कनाडा के कुल विदेशी छात्रों में भारत की हिस्सेदारी 37% है। वहां पिछले दो दशक में सिख आबादी दोगुनी से अधिक हो गई। ज्यादा विदेशियों के आने से घरों की डिमांड और कीमतों में काफी इजाफा हुआ है। 

 

 

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