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Sheikh Hasina के जाते और यूनुस के आते ही ये क्या हो गया, अब अडानी के हाथों में बांग्लादेश की ‘पॉवर’?

गौतम अडानी की कंपनी अडानी पावर बांग्लादेश को  बिजली की सप्लाई बंद कर सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अगर बांग्लादेश 7 नवंबर तक भुगतान नहीं करता है तो अडानी पावर बांग्लादेश को पूरी तरह बिजली की सप्ला बंद करने की तैयारी में है।  मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अडानी पावर की सहायक कंपनी अडानी पावर झारखंड पावर लिमिटेड यानी  एपीजेएल ने हाल ही में बांग्लादेश को अपनी बिजली सप्लाई आधी कर दी है। उद्योग के सूत्रों ने टीओआई को बताया कि कुछ बिजली इकाइयों ने ईंधन खरीद कम कर दी है क्योंकि संकटग्रस्त देश समय पर भुगतान करने में असमर्थ है। 

अडानी पावर बांग्लादेश को कब से बिजली बेच रही

अडानी पावर ने साल 2017 में बांग्लादेश के साथ एक समझौता किया था। जब ये समझौता हुआ था और बिजली की सप्लाई शुरू हुई थी। उस वक्त बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना थी। इस समझौते के तहत अडानी पावर को 25 सालों तक गोड्डा स्थित पावर प्लांट से बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करनी थी। अडानी पावर ने 10 अप्रैल 2023 से अपने इस प्रोजेक्ट के जरिए बांग्लादेश को बिजली बेचनी शुरू की थी। 

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सरकार पर कितना बकाया है

 न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश पर अडानी ग्रुप का 7200 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है।  अडानी पावर ने पिछले महीने बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड को एक लेटर लिख कर 31 अक्टूबर तक ये बकाया चुकाने को कहा था। इसके बाद बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड ने 1500 करोड़ रुपए का लेटर ऑफ क्रेडिट दिया था। लेकिन ईटी के अनुसार इस लेटर ऑफ क्रेडिट को बिजली खरीद समझौते के मुताबिक नहीं पाते हुए अडानी ग्रुप ने इसे स्वीकार नहीं किया। ऐसी खबरें हैं कि अडानी ग्रुप ने बकाया चुकाने के लिए 7 नवंबर तक का समय दिया है। अगर 7 तारीख तक बकाया नहीं दिया गया तो अडानी पावर बांग्लादेश की सप्लाई रोक सकता है।

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क्यों नहीं चुका पा रहा पैसा?

2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से बांग्लादेश महंगे ईंधन और माल के आयात के कारण अपने बिलों का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहा है। जिस राजनीतिक उथल-पुथल के कारण अगस्त में पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना को सत्ता से बाहर होना पड़ा, उसने भी इसकी परेशानियों को बढ़ा दिया है। अंतरिम बांग्लादेश सरकार में बिजली और ऊर्जा सलाहकार मुहम्मद फ़ौज़ुल कबीर खान ने रॉयटर्स को बताया पिछले महीने, हमने 96 मिलियन डॉलर की मंजूरी दे दी थी और इस महीने, अतिरिक्त 170 मिलियन डॉलर के लिए क्रेडिट लेटर दिया है।  

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