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Turkey में कैसे पहली बार हारे एर्दोगन, विपक्ष के लिए संजीवनी, क्या होगा असर

तुर्किये में रेचेप तैय्यप एर्दोगन को हराने के बाद इस्तांबुल के मेयर अकरम इमामोगलू झूमते नजर आए। तुर्किये में आए चुनाव के नतीजों ने एर्दोगन को तगड़ा झटका दिया है। पिछले साल तीसरी बार चुनाव जीतने वाले रेचेप तैय्यप एर्दोगन को उम्मीद थी कि वो इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। लेकिन वो हार गए। इस्तांबुल के मेयर के चुनाव में खुद एर्दोगन ने प्रचार की बागडोर संभाली थी। यही पर वो पले-बढ़े थे और इसी शहर में मेयर रहे थे। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। फिर से अकरम इमामोगलू मेयर बन गए हैं। 2019 में पहली बार इस शहर का मेयर बनने वाले इमामोगलू ने सेक्युलर विपक्ष दल के उम्मीदवार के रूप में बड़ी जीत हासिल की है। 

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चुनाव में एर्दोगन को झटका
तुर्किये की मुख्य विपक्ष पार्टी ने हुए स्थानीय चुनावों में अहम शहरों में अपनी पकड़ कायम रखी है। साथ ही अन्य स्थानों पर बड़ी बढ़त हासिल की। शुरुआती नतीजे राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोऑन के लिए झटका हैं जो इन शहरी इलाको में फिर से नियंत्रण हासिल करने की कोशिश में थे। खबर लिखे जाने तक 60 फीसदी मतों की गणना की जा चुकी है। तुर्किये के सबसे बड़े शहर और आर्थिक केंद्र इस्तांबुल में रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) के मौजूदा मेयर अकरम इमामोगलू बढ़त बनाए हुए हैं। 

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विपक्ष के लिए संजीवनी 
यह नतीजे विपक्ष के लिए संजीवनी हैं जो पिछले साल हुए राष्ट्रपति एवं संसदीय चुनाव में एर्दोआन के हाथों हार के बाद विभाजित हो गया था और उसका मनोबल टूट गया था। सीएचपी नेता ओज़गुर ओज़ेल ने उत्साही समर्थकों की भीड़ से कहा, मतदाताओं ने तुर्किये में एक नई राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, आज, मतदाताओं ने तुर्किये में 22 साल पुरानी तस्वीर को बदलने और हमारे देश में एक नए राजनीतिक माहौल का द्वार खोलने का फैसला किया। 

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