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प्रोटेस्ट रैली और पोस्टर… पीएम मोदी की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा को बाधित करने की ISI कैसे रच रहा साजिश?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए रवाना हो चुके हैं। यह छठी बार है जब पीएम मोदी अमेरिका जा रहे हैं, लेकिन यह उनकी पहली राजकीय यात्रा है और 2009 के बाद पहली बार है कि किसी भारतीय नेता को इस तरह का सम्मान दिया गया है। 24 जून को पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा समाप्त होगी और वो मिस्र के लिए उड़ान भरेंगे। लेकिन फिलहाल इस वक्त अमेरिका में उनकी यात्रा से पहले खुशी है, हजारों उत्साही भारतीय-अमेरिकी अमेरिका के 20 शहरों में प्रतिष्ठित स्थानों पर इकट्ठा हो रहे हैं और स्वागत का संदेश भेजने के लिए एकता मार्च का आयोजन कर रहे हैं। यहां तक ​​कि कई अमेरिकी नेताओं ने मोदी की वाशिंगटन यात्रा पर प्रसन्नता और उत्साह व्यक्त किया है, जिस दौरान उनके दो बड़े रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर करने की भी संभावना है।

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मोदी की यात्रा को बाधित करने की योजना में पाकिस्तान
खुफिया सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआई ने अमेरिका की धरती पर काम कर रहे खालिस्तान समर्थक संगठनों के साथ-साथ भारत के खिलाफ काम करने वाले कई समूहों के साथ कई बैठकें की हैं। सूत्रों के अनुसार, आईएसआई ने मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान रैलियों की योजना बनाने और आयोजित करने के लिए इन खालिस्तानी और भारत विरोधी समूहों को धन मुहैया कराया है। यहां ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में खालिस्तानी आंदोलन जीवित है और उसका सबसे हालिया उदाहरणअमृतपाल सिंह की तलाश के दौरान सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ के रूप में देखने को मिला था। 
भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद के प्रदर्शन की तैयारी
2021 में शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक हडसन इंस्टीट्यूट ने अमेरिका में खालिस्तानी सक्रियता’ शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिसमें बताया गया था कि कैसे ये समूह अमेरिका में एक मजबूत आधार बना रहा था। रिपोर्ट में कहा गया था कि जब तक अमेरिकी सरकार खालिस्तान से संबंधित उग्रवाद और आतंकवाद के निरीक्षण को प्राथमिकता नहीं देती है, तब तक यह उन समूहों की पहचान करने की संभावना नहीं है जो वर्तमान में भारत में पंजाब में हिंसा में लिप्त हैं या ऐसा करने की तैयारी कर रहे हैं। रॉयटर्स ने बताया है कि भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद (आईएएमसी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी। आईएएमसी अमेरिका में भारतीय मुसलमानों का सबसे बड़ा हिमायती संगठन है।

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पाक भारत-अमेरिका संबंधों को कैसे देखता है
मोदी की अमेरिका यात्रा की न केवल भारत और अमेरिका में चर्चा हो रही है, बल्कि पाकिस्तान की भी पैनी नजर है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस्लामाबाद दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों से खुश नहीं है, भले ही उनके मंत्री कुछ भी कह रहे हो। बता दें कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को यह कहते हुए सुना गया था कि इस्लामाबाद को संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को लेकर कोई समस्या नहीं है। ख्वाजा आसिम ने कहा कि मुझे लगता है कि हमें अमेरिका द्वारा भारत के साथ साझेदारी विकसित करने में कोई समस्या नहीं है अगर यह पाकिस्तान की कीमत पर नहीं हो। मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अपने पड़ोसियों और क्षेत्रीय भागीदारों के साथ अच्छे संबंध चाहता है।
मोदी की हाई-प्रोफाइल अमेरिका यात्रा
मोदी 21 जून को न्यूयार्क पहुंचेंगे जहां वह संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगे। वहां से पीएम राजकीय यात्रा के लिए वाशिंगटन जाएंगे। जहां उन्हें न केवल 21 तोपों की सलामी मिलेगी, बल्कि व्हाइट हाउस में एक भव्य समारोह भी होगा, जिसके टिकट पहले ही बिक चुके हैं। मोदी अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। 23 जून को, मोदी वाशिंगटन डीसी में रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग और इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर में देश भर के डायस्पोरा नेताओं की केवल आमंत्रण सभा को भी संबोधित करेंगे। 

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