Breaking News

Prabhasakshi Exclusive: Last-Minute Deal में Israel, Hamas ने एक दिन के लिए और क्यों बढ़ाया युद्धविराम? Netanyahu का अगला कदम क्या Gaza के लिए घातक सिद्ध होने वाला है?

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि इजराइल और हमास संघर्ष में ताजा स्थिति क्या है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इजराइल और हमास जिस तरह युद्धविराम खत्म होने की समयसीमा के अंतिम समय में उसे एक दिन और बढ़ाने पर राजी हुए हैं वह दर्शा रहा है कि दोनों पक्ष सिर्फ बंधकों को छुड़ाने और लड़ाई के अगले चरण के लिए हथियार और साजो सामान जुटाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई का दूसरा चरण ज्यादा घातक हो सकता है क्योंकि इजराइल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को घरेलू मोर्चे पर राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू पर दबाव है कि वह बंधक इजराइलियों को सकुशल वापस लाएं और हमास को मिटाएं, इसलिए उन्हें किसी भी कीमत पर इस लक्ष्य को हासिल करना ही होगा। उन्होंने कहा कि लड़ाई के दूसरे चरण का खामियाजा गाजा की जनता को भुगतना पड़ेगा जोकि पहले ही बुनियादी जरूरतों का अभाव झेल रही है। उन्होंने कहा कि गाजा में 35 में से 27 अस्पताल खत्म हो चुके हैं जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है लेकिन हमास की कारगुजारियों के चलते आम लोग भी अंजाम भुगतने के लिए मजबूर हैं।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हमास चूंकि आतंकवादी संगठन है इसलिए वह कभी नहीं सुधर सकता। उन्होंने कहा कि जिस तरह यरूशलम के एक बस स्टॉप पर फलस्तीनी बंदूकधारियों की गोलीबारी में तीन इजराइली मारे गए और छह अन्य घायल हो गए, उससे क्षेत्र में फिर से हिंसा फैल गयी है। उन्होंने कहा कि इजराइल की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी शिन बेट ने दोनों हमलावरों की पहचान पूर्वी यरूशलम के 38 वर्षीय मुराद नाम्र और उसके भाई 30 वर्षीय इब्राहिम नाम्र के रूप में की है। एजेंसी ने कहा है कि दोनों हमास के सदस्य थे और पहले आतंकी गतिविधि के लिए जेल जा चुके थे। इजराइली एजेंसी ने कहा है कि गाजा पट्टी में आतंकवादी तत्वों के निर्देशों के तहत आतंकवादी हमलों की साजिश रचने के लिए मुराद को 2010 और 2020 के बीच जेल में डाल दिया गया था और इब्राहिम को 2014 में अज्ञात आतंकवादी गतिविधि के लिए जेल की सजा हुई थी। वीडियो फुटेज से पता चला कि दोनों एम-16 असॉल्ट राइफल और एक हैंडगन से लैस थे। पुलिस को वाहन की तलाशी में भारी मात्रा में गोला-बारूद मिले। पुलिस किसी भी अतिरिक्त हमलावर से बचने के लिए इलाके की तलाशी ले रही है।

इसे भी पढ़ें: Israel-Hamas war: आखिरी क्षणों में एक दिन के लिए बढ़ा संघर्ष विराम, जानिए क्या है इसके पीछे की रणनीति

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यह हमला इजराइल और हमास द्वारा युद्ध विराम को सातवें दिन बढ़ाने पर सहमति जताने के तुरंत बाद हुआ। उन्होंने कहा कि इजराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक घोषणा में कहा गया था कि युद्ध संबंधी मामलों के मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि समझौते की रूपरेखा में जिन मुद्दों पर सहमति बनी थी अगर उससे संबंधित एक सूची सुबह सात बजे (बृहस्पतिवार, 30 नवंबर 2023) तक नहीं दी गई तो लड़ाई तुरंत फिर से शुरू हो जाएगी। इजराइली पीएमओ ने अपने बयान में कहा कि रूपरेखा की शर्तों के अनुसार महिलाओं और बच्चों की एक सूची कुछ समय पहले इजराइल को सौंपी गई थी इसलिए विराम जारी रहेगा। पीएमओ ने कहा कि 30 नवंबर को रिहा होने वाले बंधकों की सूची प्राप्त होने के बाद, परिवारों को सूचित कर दिया गया है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इजराइल-हमास युद्ध पर भारत का रुख ‘रचनात्मक’ है और उन्होंने दो राष्ट्र के समाधान (टू-स्टेट सॉल्यूशन) पर जोर दिया। उन्होंने हमास को एक ‘‘आतंकवादी समूह’’ कारार देते हुए कहा कि इजराइल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि इजराइल पर हमास के हमले को लेकर भारत तटस्थ नहीं है और उसने इस आतंकवादी कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि हमास एक आतंकवादी समूह है और उसने लोकतंत्र पर हमला किया है। हम इस संबंध में हमास के खिलाफ इजराइल की कार्रवाई का समर्थन करते हैं। लेकिन हम फलस्तीनी लोगों के खिलाफ उसकी कार्रवाई का समर्थन नहीं करते, जहां 20 लाख लोग रहते हैं। किसी व्यक्ति को इन दोनों के बीच अंतर करना होगा। उन्होंने कहा कि इस पर हमारा रुख रचनात्मक रहा है। हम आतंकवाद के खिलाफ हैं, क्योंकि इसने हमारे देश में भी तबाही मचाई है– हम समस्या के लिए ‘दो राष्ट्र’ के समाधान का सुझाव देते हैं, जिसमें फलस्तीन और इजराइल दोनों को अपने-अपने देश की स्थापना का अधिकार होना चाहिए।

Loading

Back
Messenger