Breaking News

Mossad ने इजरायल के जानी दुश्मन को एक टूथपेस्ट से कैसे पहुंचाया था जहन्नुम, हैरान कर देगी वादी हद्दाद की मौत की कहानी

दुनिया में जब-जब इजरायल का नाम लिया जाता है तो उसके साथ एक नाम हमेशा नत्थी होकर आता है। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद, जिसके बारे में कहा जाता है कि वो ना तो अपने दुश्मनों को भूलते हैं और ना माफ करते हैं। मोसाद के कारनामे लिजिंड्री हैं। इसलिए इसे दुनिया की सबसे खतरनाक और ताकतवर एजेंसी माना जाता है। ईरान की धरती पर हमास के राजनीतिक प्रमुख की मौत को इजारयल की खुफिया एजेंसी मोसाद से जोड़कर देखा जा रहा है। इसे मोसाद की बहुत बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। वैसे तो इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के बारे में कहा जाता है कि वो न तो अपने दुश्मनों को भूलती है और न ही माफ करती है। आज आपको फिलिस्तीन पॉपुलर फ्रंट के संस्थापकों में से एक वादी हद्दाद की कहानी बताते हैं जिसे किसी दौर में इजरायल का जानी दुश्मन माना जाता था। 

इसे भी पढ़ें: Hamas चीफ की मौत पर मुस्लिम देशों ने कर दिया खतरनाक ऐलान, क्या सच में इजरायल को कीमत चुकानी पड़ेगी?

वादी हद्दाद को अबू हानी के नाम से भी जाना जाता था। वादी 1960 और 1970 के दशक में फिलिस्तीन गुरिल्ला आंदोलन, कई विमान अपहरण के साजिशकर्ता के रूप में जाना जाता था। इसमें सबसे कुख्यात एंटेबे विमान अपहरण था, जिसमें करीब 106 लोगों को बंधक बनाया गया था। वादी हद्दाद का जन्म 1927 में फिलिस्तीनी ईसाई परिवार में हुआ था। 
1978 में बगदाद में जनवरी का महीना था जब नियमित भोजन के बाद वादी हद्दाद को पेट में ऐंठन महसूस होनी शुरू हो गई। उसकी भूख ख़त्म हो गयी। उनका वजन 25 पाउंड से अधिक कम हो गया और फिर उसे इराकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उसे हेपेटाइटिस बताया। हद्दाद का इलाज बगदाद के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों द्वारा किया गया। लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। जल्द ही, उसके बाल झड़ने लगे। उनका बुखार बदस्तूर जारी रहा। शक की सुई जहर देने की ओर गई, लेकिन क्या और कैसे, इसका डॉक्टरों को कोई सुराग नहीं मिला। फ़िलिस्तीन मुक्ति संगठन के नेता यासिर अराफ़ात ने एक सहयोगी से पूर्वी जर्मनी की गुप्त सेवा स्टासी से मदद लेने के लिए कहा। यह वह समय था जब सोवियत ने फिलिस्तीनी लड़ाकों की मदद की और उन्हें पासपोर्ट, आश्रय, हथियार और खुफिया जानकारी प्रदान की।

इसे भी पढ़ें: Hamas चीफ के मरते ही रूस का आया ऐसा बयान, अब क्या करेगा इजरायल?

जब अराफात के सहयोगी पूर्वी जर्मन गुप्त सेवा या स्टासी के पास पहुंचे, तो हद्दाद को बगदाद से पूर्वी बर्लिन ले जाया गया। उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां हद्दाद को रेगेरींगस्क्रानकेनहॉस में भर्ती कराया गया था। बगदाद से हवाई मार्ग से ले जाते समय, हद्दाद के सहायकों ने प्रसाधन सामग्री का एक बैग साथ में पैक किया। उसमें टूथपेस्ट की एक ट्यूब भी थी। जब हद्दाद बर्लिन पहुंचा, तब तक वह चलती फिरती लाश बन चुका था। हद्दाद को पूर्वी बर्लिन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, कई जगहों से रक्तस्राव हो रहा था। दस दिनों तक हद्दाद अत्यंत पीड़ा में रहा। उनकी चीखें पूर्वी बर्लिन के पूरे अस्पताल में सुनी जा सकती थीं और डॉक्टरों को उन्हें पूरे दिन और रात बेहोश रखना पड़ता था। फिर, 29 मार्च को हद्दाद की मृत्यु हो गई। कहा जाता है कि मोसाद ने वादी हद्दाद के साथ काम करने वाले साथी को अपने साथ मिलाया और टूथपेस्ट में जहर देकर उसे मार डाला था।

Loading

Back
Messenger