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Prabhasakshi Exclusive: Imran Khan के इस डर में कितनी सच्चाई है कि Iraq या Syria बन सकता है Pakistan?

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में हमने इस सप्ताह ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी से जानना चाहा कि पाकिस्तान में जिस तरह के हालात हैं वह क्या दर्शा रहे हैं? हमने जानना चाहा कि क्या भारत का यह पड़ोसी देश इराक और सीरिया बनने की राह पर बढ़ चला है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्तारुढ़ गठबंधन पर सेना को उनकी पार्टी के खिलाफ खड़ा करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा है कि देश तबाही की ओर बढ़ रहा है और उसे विघटन का सामना करना पड़ सकता है। इस आरोप में कहीं ना कहीं दम नजर आता है। इसके अलावा जिस प्रकार इमरान खान को देश छोड़ने या देश में रहने पर मुकदमों का सामना करने और जेल भेजे जाने जैसी चेतावनी दी जा रही है वह दर्शाता है कि इस देश को सीरिया या इराक बनने में देर नहीं लगेगी। लेकिन भारत कतई नहीं चाहेगा कि पाकिस्तान इराक या सीरिया बने। इमरान खान ने 1971 की परिस्थितियों का जो हवाला दिया है वैसी स्थिति अभी नहीं दिख रही है लेकिन पाकिस्तान में गतिरोध और विरोध बढ़ा तो उस देश के तीन टुकड़े होते देर नहीं लगेगी।

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ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि इमरान खान को भले विभिन्न अदालतों से जमानत मिल गयी हो लेकिन उनके समर्थकों ने सेना के अधिकारियों और सत्तारुढ़ दल के नेताओं से जुड़े प्रतिष्ठानों पर जिस तरह का हंगामा और तोड़फोड़ किया उससे नाराज सेना और सरकार ने इमरान खान तथा उनके समर्थकों को तगड़ा सबक सिखाने की तैयारी कर ली है। सेना और पाकिस्तान सरकार का रुख देखकर लगता है कि वह किसी भी सूरत में इमरान खान और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को बख्शने के मूड़ में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना और सरकार ने इस बात की भी तैयारी कर ली है कि आगे से इमरान खान के समर्थक हंगामा नहीं करें और करें तो उन्हें उनके किये की सख्त सजा तत्काल दी जा सके। इमरान खान के बारे में तो इस प्रकार का भी दावा किया जा रहा है कि सेना की ओर से उन्हें फांसी की सजा या आजीवन कठोर कारावास की सजा दी जायेगी जिसका ऐलान कभी भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है कि अदालतों से इमरान खान को राहत मिलते देख उन्हें सेना कानूनों के तहत सजा दिये जाने का फैसला किया गया है। दूसरी ओर, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया है जिसमें संसद की अवमानना करने के दोषी पाए गए व्यक्तियों को छह महीने तक की जेल या 10 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं। 

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