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Prabhasakshi Exclusive: North Korea के सुसाइड सोलजर्स ने यूक्रेनी सेना की नाक में दम करके रख दिया है

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि उत्तर कोरिया के सुसाइड सोलजर्स यूक्रेन के लिए कैसे नई चुनौती बनते जा रहे हैं? साथ ही हम यह भी जानना चाहते हैं कि युद्ध में ताजा अपडेट क्या है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस सप्ताह रूस के बर्फीले पश्चिमी क्षेत्र कुर्स्क में एक लड़ाई के बाद यूक्रेनी विशेष बलों ने एक दर्जन से अधिक मारे गए उत्तर कोरियाई दुश्मन सैनिकों के शवों को खोज निकाला। उनमें से उन्हें एक अभी भी जीवित मिला। लेकिन जैसे ही वे पास आए, उसने एक ग्रेनेड विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। उन्होंने कहा कि कुछ उत्तर कोरियाई सैनिक चरम उपायों का सहारा ले रहे हैं जिससे यूक्रेन की मुश्किल बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि वास्तव में सैनिक किम जोंग उन के लिए खुद को बलिदान करने के लिए तैयार दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने रूस के पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र में मास्को की सेना का समर्थन करने के लिए लगभग 11,000 सैनिकों को तैनात किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया की रूस में तैनाती 1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद किसी युद्ध में उसकी पहली बड़ी भागीदारी है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने कथित तौर पर वियतनाम युद्ध और सीरिया में नागरिक संघर्ष के दौरान एक छोटी टुकड़ी भेजी थी।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि उत्तर कोरिया के नेता किम ने पहले अपनी सेना को “दुनिया में सबसे मजबूत” बताया था। 2023 में शासन द्वारा जारी वीडियो में नंगे सीने वाले सैनिकों को बर्फीले मैदानों में दौड़ते, जमी हुई झीलों में कूदते और शीतकालीन प्रशिक्षण के लिए बर्फ के ब्लॉकों पर मुक्का मारते हुए दिखाया गया था। उन्होंने कहा कि चिंता की बात यह है कि ऐसे संकेत हैं कि रूस की ओर से लड़ रहे उत्तर कोरियाई सैनिकों को आत्महत्या करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि मारे गए उत्तर कोरियाई सैनिकों द्वारा लिए गए मेमो से यह भी पता चलता है कि उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने पकड़े जाने से पहले आत्म-विनाश और आत्महत्या पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि सैनिकों या जासूसों द्वारा की गई आत्महत्याएं न केवल किम जोंग उन शासन के प्रति वफादारी दिखाती हैं, बल्कि यह घर पर छोड़े गए अपने परिवारों की रक्षा करने का एक तरीका भी है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सेना को अब डर लग रहा है कि उत्तर कोरियाई सैनिकों के करीब जाना भारी पड़ सकता है इसलिए उनमें घबराहट देखी जा रही है।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जहां तक युद्ध क्षेत्र के ताजा हालात की बात है तो रूस लगातार आगे बढ़ा जा रहा है और अब तो पश्चिमी मीडिया भी मानने लगा है कि यूक्रेन का बड़ा भाग रूसी कब्जे में जा चुका है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की वायु सेना ने दावा किया है कि रूस ने 43 क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ 74 ड्रोन से उसके पश्चिमी हिस्से पर हमला किया। उन्होंने कहा कि रूसी अधिकारियों ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह अमेरिका और ब्रिटेन निर्मति मिसाइलों के साथ रूसी सेना के कारखानों और ऊर्जा केंद्रों पर कीव के हवाई हमले के जवाब में था। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदमीर ज़ेलेंस्की ने देश के ऊर्जा क्षेत्र पर रूस के नवीनतम हमलों की निंदा की है और विदेशी सहयोगियों से अधिक सुरक्षा सहायता की मांग की है। उन्होंने कहा कि ज़ेलेंस्की ने साथ ही कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि अगले सप्ताह डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद अमेरिका रूस के खिलाफ यूक्रेन की सैन्य क्षमताओं का समर्थन करना जारी रखेगा।

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