बैंकॉक। एक मानवाधिकार समूह और म्यांमा के 16 लोगों ने देश के जनरलों को नरसंहार, युद्ध अपराध तथा मानवता के खिलाफ अपराध के लिए सजा दिए जाने की मांग करते हुए जर्मनी में एक आपराधिक शिकायत दर्ज करायी है।
उनका आरोप है कि ये अपराध मुस्लिम रोहिंग्या पर 2017 की कार्रवाई के दौरान और 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद किए गए।
मानवाधिकार समूह ‘फोर्टिफाई राइट्स’ ने मंगलवार को बैंकॉक में घोषणा की कि ‘‘अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों को अभी तक जवाबदेह नहीं ठहराया गया है।’’
जर्मनी में संघीय अभियोजक कार्यालय ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है जहां गत शुक्रवार को यह कानूनी शिकायत दर्ज करायी गयी।
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कार्यालय इस पर फैसला लेगा कि मामले के अदालत में जाने से पहले मुकदमा दर्ज किया जाए या नहीं।
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत भी म्यांमा के जनरलों की जांच कर रही है और अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में भी नरसंहार का मामला चल रहा है।
‘फोर्टिफाई राइट्स’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक मैथ्यू स्मिथ ने कहा कि कानूनी सिद्धांत अभियोजन को स्थान या राष्ट्रीयता पर गौर किए बिना सामूहिक अत्याचारों के लिए अभियोग चलाने की अनुमति देता है।