भारत ने गुरुवार को इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के बीच युद्ध के बीच गाजा में मानवीय राहत की आवश्यकता दोहराई। गाजा में अल-शिफा अस्पताल पर एक सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह मुद्दा विशेष रूप से किसी एक सुविधा का नहीं है। बागची ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि यह किसी एक विशिष्ट सुविधा के बारे में नहीं है, भारत ने हमेशा मानवीय राहत की आवश्यकता को रेखांकित किया है। हमने तनाव कम करने के बारे में बात की। हम आतंकी हमलों की निंदा करते हैं। हमने मानवीय सहायता दी है।
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इजरायली बलों ने गाजा के सबसे बड़े अस्पताल पर धावा बोल दिया जहां नवजात शिशुओं सहित सैकड़ों रोगी फंसे हुए हैं। इजराइल शिफा अस्पताल को युद्ध के दौरान प्रमुख निशाने के तौर पर देखता है। इस जंग में हजारों फलस्तीनी मारे जा चुके हैं और गाजा में भारी तबाही हुई है। हमास द्वारा सात अक्टूबर को इजराइल पर अचानक हमला करने और करीब 1200 लोगों की हत्या करने के बाद इजराइल के साथ उसकी जंग शुरू हो गई। इजराइल का कहना है कि शिफा अस्पताल हमास के नियंत्रण वाला स्थान है।
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हमास और गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने शिफा में चरमपंथियों की गतिविधियों से इनकार किया है, वहीं फलस्तीनी लोगों और मानवाधिकार सूमहों ने कहा कि इजराइल ने हमास को समाप्त करने की कोशिश में अंधाधुंध तरीके से नागरिकों की जान खतरे में डाली है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मुनीर अल बूर्श ने कहा कि इजराइली बलों ने शिफा में तलघर और अन्य भवनों को तबाह कर दिया। उन्होंने हमला शुरू होने के कुछ घंटे बाद अस्पताल के अंदर से फोन पर बताया, ‘‘वे अब भी यहां हैं। मरीज, महिलाएं और बच्चे आतंकित हैं।