पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों से देश में लोकतंत्र बचाने की अपील करते हुए कहा, आप हमारी आखिरी उम्मीद हैं।
उन्होंने यह अपील उनके समर्थकों द्वारा सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले किए जाने के बाद उनकी पार्टी पर प्रतिबंध लगाए जाने की अटकलों के बीच की।
सोशल मीडिया के माध्यम से राष्ट्र के नाम एक संबोधन में 70 वर्षीय खान ने यह भी कहा कि उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई चल रही है और शासन ने पूरे नेतृत्व को जेल में डाल दिया है और यहां तक कि उन लोगों को भी जो पार्टी का हिस्सा नहीं हैं।
खान ने शीर्ष न्यायपालिका का जिक्र करते हुए कहा, आप हमारी आखिरी उम्मीद हैं।
ऐसी खबरें हैं कि जमान पार्क स्थित खान के आवास का इंटरनेट कनेक्शन काटदिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशो, देश आपकी ओर देख रहा है और आपकी एकता जनता के लिए बहुत जरूरी है। इस देश को बचाना और इसके लिए खड़ा होना अब आप पर निर्भर है क्योंकि पाकिस्तान ‘बनाना रिपब्लिक’ बनता जा रहा है।’’
खान ने बातचीत की पेशकश भी की और कहा कि वह सत्ता में मौजूद लोगों के साथ बातचीत के लिए एक समिति गठित करने के लिए तैयार हैं।
गत नौ मई को पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा खान को गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय पर भी भीड़ ने हमला किया था। पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई है।
कार्रवाई के डर से पूर्व मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी सहित कई नेताओं ने पीटीआई छोड़ दी है।
खान ने कहा कि मजारी का राजनीति से जाना न केवल उनकी पार्टी, बल्कि पूरे देश और इसके लोकतंत्र के लिए क्षति है।
खान ने कहा, वर्तमान में हमारे 10,000 से अधिक कार्यकर्ता जेल में हैं।
उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे वे विदेशी दुश्मन हों, लेकिन फिर भी युद्धबंदियों के भी अधिकार होते हैं।
खान ने कहा, मैंने अपने लोगों को छिपने के लिए कहा है। मैं अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से कह रहा हूं कि आपको बाहर आने की कोई जरूरत नहीं है। अपने घरों में मत रहो, छिप जाओ।
खान ने कहा कि यह जुल्म उनकी पार्टी को खत्म नहीं करेगा, बल्कि उसकी लोकप्रियता को और बढ़ाएगा।
उनकी यह टिप्पणी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस बयान के कुछ घंटे बाद आई जिसमें उन्होंने कहा था कि खान के समर्थकों द्वारा सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले किए जाने के कारण सरकार पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।
आसिफ ने संवाददाताओं से कहा, अभी तक फैसला (पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने का) नहीं लिया गया है, लेकिन निश्चित तौर पर समीक्षा की जा रही है।