एक बड़े घटनाक्रम में जिला एवं सत्र अदालत ने शनिवार को तोशाखाना मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान को दोषी ठहराया और उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई। अदालत ने पीटीआई प्रमुख पर 100,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसके साथ ही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री 5 साल के लिए अयोग्य करार दिए गए हैं। यानी इमरान खान अब पांच सालों तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इमरान खान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया गया है।
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इमरान खान के कार्यकर्ता कोर्ट में केस के दौरान भारी मात्रा में समर्थक उनके आवास पर पहुंच जाया करते थे। फिलहाल वैसी कोई तस्वीर सामने नहीं आई है। उम्मीद यही की जा रही है कि इस्लामाबाद पुलिस जब इमरान के खिलाफ अरेस्ट वारंट लेकर लाहौर पहुंचेगी तो पीटीआई समर्थकों और पुलिस के बीच टकराव देखने को मिल सकता है। 9 मई की घटनाओं के बाद तहरीक ए इंसाफ पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ जिस सख्ती के साथ एक्शन लिया गया। केस दर्ज हुए, घरों पर छापा मारा गया। ऐसे में इस बार इस तरह की संभावना कम नजर आ रही है।
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उनकी पार्टी पीटीआई ने एक बयान में कहा कि यह बिल्कुल शर्मनाक और घृणित है कि कैसे कानून का मजाक उड़ाया जा रहा है क्योंकि इमरान खान को अयोग्य ठहराने और जेल में डालने की इच्छा है। आज सुनवाई के दौरान, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) हुमायूं दिलावर ने फैसला सुनाया कि मामले में पूर्व प्रधान मंत्री के खिलाफ आरोप साबित हुए हैं। इमरान खान ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग को फर्जी विवरण प्रस्तुत किए और उन्हें भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया गया है। खान पर अपने 2018 से 2022 के प्रीमियरशिप का दुरुपयोग राज्य के कब्जे में उपहार खरीदने और बेचने के लिए करने का आरोप है, जो विदेश यात्राओं के दौरान प्राप्त हुए थे और जिनकी कीमत 140 मिलियन रुपये (635,000 अमेरिकी डॉलर) से अधिक थी।