पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेंगे। इस खबर के आने के साथ ही उनके ही देश में अब इसको लेकर वाकयुद्ध शुरू हो गया है। बिलावल भुट्टो जरदारी की भारत यात्रा को विपक्ष ने अंतर्राष्ट्रीय साजिश करार दिया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में भुट्टो की बहुप्रतीक्षित यात्रा की आलोचना की और दावा किया कि सरकार अंतर्राष्ट्रीय एजेंडे के निर्देश पर काम कर रही है। उनके अनुसार, पड़ोसी देश के साथ अच्छे संबंध बनाना एक वैश्विक एजेंडा है और इसे वर्तमान सरकार पर थोपा गया है।
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फवाद चौधरी ने कहा कि बिलावल भुट्टो की भारत यात्रा कश्मीरियों के संघर्ष की पीठ में छुरा घोंपने जैसी है। कश्मीर के मुद्दे को दफनाना और भारत के साथ संबंध बनाना उस अंतरराष्ट्रीय एजेंडे का हिस्सा है, जिसके तहत इस सरकार को पाकिस्तान पर थोपा गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इमरान खान की पार्टी का बयान इस तथ्य के बावजूद आया कि पीटीआई प्रमुख ने कहा था कि जब वह प्रधानमंत्री थे तब वह नई दिल्ली के साथ संबंध बनाना चाहते थे।
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भारत के गोवा में 4-5 मई, 2023 को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की विदेश मंत्री परिषद (सीएफएम) की बैठक आयोजित की जा रही है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलूच ने यहां साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की। बलूच ने कहा, “बिलावल भुट्टो जरदारी भारत के गोवा में 4-5 मई, 2023 को होने वाली एससीओ विदेश मंत्री परिषद (सीएफएम) की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।