पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों वैसे तो खुद पर एक के बाद एक हुए मुकदमों की वजह से अदालतों के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं। लेकिन पीएम पद छोड़ने के बाद से ही वो मीडिया की लाइमलाइट से खुद को दूर नहीं रख सके हैं। प्रसिद्ध टाइम पत्रिका ने अपने नए संस्करण में पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान पर एक कवर स्टोरी प्रकाशित की है। ‘इमरान खान की आश्चर्यजनक गाथा’ शीर्षक के साथ कवर पेज पर के साथ उनकी तस्वीर लगाई गई है। लेख ने पीटीआई नेताओं का भी ध्यान आकर्षित किया और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने शीर्षक पृष्ठ की एक तस्वीर के साथ तुरंत इसे अपने ट्विटर अकाउंट पर डाल दिया।
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पत्रिका ने खान के साथ एक जूम साक्षात्कार भी किया, लेकिन प्रश्नोत्तर प्रारूप के बजाय पूरे लेख में साक्षात्कार के उद्धरणों का उपयोग किया गया है। कुछ उनकी उपलब्धियों को उजागर करने के लिए और कुछ उनकी विफलताओं की बात की गई है। पाकिस्तान और खान के लिए सकारात्मक और नकारात्मक दोनों अनुमानों को वापस करने के लिए कुछ उद्धरणों का भी उपयोग किया गया था। लेकिन खान के समर्थकों को यह दृष्टिकोण पसंद नहीं आया और, जैसा कि वे अक्सर पाकिस्तानी प्रकाशनों के साथ करते हैं, उन्होंने पत्रिका और लेखक चार्ल्स कैंपबेल पर अपना गुस्सा उतारा।
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पीटीआई समर्थक माज उद दीन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, टाइम की टिप्पणी “मुस्लिम दुनिया के बारे में पश्चिम के बाइनरी, मायोपिक और भ्रामक दृष्टिकोण से परे नहीं है। यह लेख पश्चिमी देशों के पक्षपातपूर्ण रवैये को दर्शाता है। एक अन्य पीटीआई समर्थक बिया आगा ने दावा किया कि लेख में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर पाकिस्तान की बेइज्जती करने की कोशिश की गई है।