लाहौर। पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान नेसेवानिवृत्त सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा पर ताजा हमला बोलते हुये आरोप लगाया कि पूर्व जनरल उनकी हत्या करवा कर देश में आपातकाल की घोषणा करना चाहते थे।
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान ने लाहौर में एक निजी समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में यह चौंकाने वाला आरोप लगाया।
अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद से ही 70 वर्षीय खान के संबंध बाजवा के साथ तनावपूर्ण हो गये थे।
देश में समय से पहले चुनाव कराने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से लाहौर से 150 किलोमीटर दूर वजीराबाद में तीन नवंबर को एक मार्च के दौरान एक कंटेनर ट्रक पर खड़े इमरान और अन्य लोगों पर दो बंदूकधारियों ने कई गोलियां दागी थीं।
इस घटना में उनके दाहिने पैर में गोली लगी थी।
चैनल के लाहौर ब्यूरो चीफ के हवाले से डॉन समाचार पत्र ने अपनी खबर में कहा है कि खान ने कहा कि कई लोगों ने उनसे कहा था कि वह बाजवा के खिलाफ आरोप लगाना बंद कर दें क्योंकि वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन वह ‘जनरल बाजवा द्वारा किये गये अपराधों’ पर चुप नहीं रह सकते थे। खबर के अनुसार, खान ने दावा किया कि बाजवा ‘मुझे मरवाना चाहते थे।’ खान का यह साक्षात्कार चैनल ने अब तक प्रसारित नहीं किया है।
खान अतीत में भी बावजा पर आरोप लगा चुके हैं। पूर्व सेनाध्यक्ष अब खान के मुख्य निशाने पर हैं, क्योंकि वह उन्हें सरकार में अपनी सभी विफलताओं का एकमात्र कारण मानते हैं।
अपदस्थ प्रधानमंत्री यह भी आरोप लगाते हैं कि सेवानिवृत्त जनरल ने अमेरिकी साजिश के तहत उनकी सरकार को गिरा दिया था।
पिछले महीने खान ने बाजवा पर उनकी सरकार के साथ ‘‘धोखा’’ करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने 2019 में तत्कालीन सेना प्रमुख (बाजवा) का कार्यकाल बढ़ा कर एक ‘‘बड़ी भूल’’ की थी।
जनरल बाजवा (61) 2019 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा तीन साल का सेवा विस्तार दिये जाने के बाद पिछले साल 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गये थे। खान अब पाकिस्तान सेना के मुखर आलोचक बन चुके हैं।
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पाकिस्तान करीब 75 साल पहले अस्तित्व में आया था और यहां की ताकतवर सेना ने तख्ता पलट कर आधे से अधिक समय तक देश पर शासन किया है। देश में सेना ने अब तक सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में हमेशा अपनी शक्ति का इस्तेमाल किया है।
पाकिस्तानी क्रिकेटर से नेता बने खान एक मात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिये अपदस्थ किया गया था।
खान ने आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के कारण ही अमेरिका की अगुवाई में रची गई साजिश के तहत उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। हालांकि, अमेरिका ने इन आरोपों से इंकार किया था।