पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख के बीच तकरार जगजाहिर है। दोनों के बीच जुबानी जंग भी लगातार चल रही है। लेकिन अब पीटीआई चीफ इमरान ने सेना पर हमले के बहाने देश की दुखती रग पर हाथ रख दिया है, जिसका दर्द पांच दशकों बाद भी उससे छुपाए नहीं छिपता। इमरान खान 1971 की घटना को याद करते हुए कहा है कि पाक सेना ने ईस्ट पाकिस्तान के लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया, इसलिए वे अत्याचार के खिलाफ उठे। 90,000 पाक सेना के अधिकारियों और सैनिकों को बंदी बनना पड़ा।
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इमरान खान ने कहा कि मैं आज फिर से ईस्ट पाकिस्तान के बारे में याद कराना चाहता हूं। मेरी जिंदगी में ईस्ट पाकिस्तान हुआ। मार्च 1971 में मैं वहां मैच खेलने गया था, ईस्ट पाकिस्तान की अंडर-19 टीम के खिलाफ। हमारा जो जहाज वापस आया था वो आखिरी जहाज था। इमरान खान ने कहा कि मुझे अभी भी याद है कि कितनी नफरत हो गई थी पाकिस्तान के खिलाफ। इसी तरह जैसे आज मीडिया को ट्रोल कर कर रहे हैं, उस वक्त भी यही हाल था। फर्क ये है कि आज सोशल मीडिया है। इन्होंने अपना ही वर्जन देने के लिए सोशल मीडिया ही बंद कर दिया। फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब सब बंद कर दिया। मुल्क को कितना नुकसान हुआ। इमरान खान को पकड़ना था और उसका रिएक्शन नहीं दिखाना था।
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इमरान खान ने कहा कि ईस्ट पाकिस्तान में भी यही हुआ था, हमें यहां कंट्रोल मीडिया पाकिस्तान टाइम्स ही दिख रही थी, जबकि वास्तविक खबरों से अंजान थे। मैं तो इंग्लैंड गया पढ़ने तो मुझे पता चला की क्या हुआ। आज हमें समझना चाहिए ईस्ट पाकिस्तान के लोगों के साथ कितना जुल्म हुआ। उनकी जो पार्टी चुनाव जीती और जिसे पीएम बनना चाहिए था उसके खिलाफ मिलिट्री एक्शन करवा दिया। मुल्क तबाह करवा दिया और 90 हजार हमारे सैनिक युद्धबंदी बन गए। बंद कमरों में फैसले होते हैं औऱ जिन्हें पता ही नहीं वो फैसले कर लेते हैं। जिसका नुकसान मुल्क को उठाना पड़ता है।