कोपनहेगन में इराकी दूतावास के सामने एक अतिराष्ट्रवादी समूह द्वारा इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान की प्रति जलाने की खबर से नाराज सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने शनिवार तड़के बगदाद के भारी सुरक्षा वाले ग्रीन जोन में धावा बोलने का प्रयास किया।
ग्रीन जोन में कई विदेशी दूतावासों समेत इराकी सरकार का केंद्र है।
इस मुद्दे को लेकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक संवेदनशीलता के बीच संतुलन को लेकर बहस छिड़ गई है।
स्थानीय पुलिस ने एक बयान में कहा कि बगदाद के अलावा इराक के बसरा शहर में प्रदर्शनकारियों ने डेनिश शरणार्थी परिषद द्वारा संचालित एक खनन परियोजना से संबंधित तीन वाहनों को जला दिया। बयान में कहा गया है कि नागरिक रक्षा सदस्यों ने आग बुझा दी। इस घटना में कोई हताहत नहीं है।
ग्रीन जोन की तरफ जाने वाले जम्हुरिया पुल को प्रदर्शनकारियों ने बाधित कर दिया था, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें पीछे धकेल दिया और डेनमार्क के दूतावास तक पहुंचने से रोक दिया।
स्वीडन में इस्लामी पवित्र पुस्तक की बेअदबी से नाराज लोगों द्वारा बगदाद में स्वीडिश दूतावास पर धावा बोलने के दो दिन बाद यह विरोध प्रदर्शन हुआ है।
प्रदर्शनकारियों ने कई घंटों तक राजनयिक चौकी को अपने कब्जे में रखा और प्रभावशाली इराकी शिया मौलाना और राजनीतिक नेता मुक्तदा अल-सद्र को दर्शाने वाले झंडे और संकेत लहराए और एक जगह छोटे स्तर की आगजनी भी की।
इराक के प्रधानमंत्री ने कुरान की बेअदबी के विरोध में स्वीडन से राजनयिक रिश्ते तोड़ लिये हैं।
पिछले महीने शरण पाने के इच्छुक जिस इराकी ने स्टॉकहोम में कुरान की प्रति एक विरोध प्रदर्शन के दौरान जलाई थी उसने बृहस्तिवार को दोबारा ऐसा करने की धमकी दी थी, लेकिन अंतत: उसने ऐसा नहीं किया।
हालांकि, उसने पुस्तक की बेअदबी की। उसने इराकी झंडे तथा ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की तस्वीर की भी बेअदबी की।
सार्वजनिक प्रदर्शन करने का अधिकार स्वीडन में संविधान द्वारा संरक्षित है और ईशनिंदा कानूनों को 1970 के दशक में हटा दिया गया था।
शुक्रवार की दोपहर हजारों की संख्या में लोगों ने इराक और अन्य मुस्लिम बहुल देशों में शांति पूर्वक विरोध प्रदर्शन किया।
कोपेनहेगन पुलिस की महिला प्रवक्ता ट्राइन फिस्कर ने ‘एपी’ को बताया कि शुक्रवार दोपहर को इराकी दूतावास वाली सड़क पर करीब 10 लोगों ने ‘एक बहुत छोटा प्रदर्शन’ किया और एक पुस्तक जला दी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें नहीं पता कि यह कौन सी पुस्तक थी।’’ उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि उन्होंने इराकी झंडे को जलाने की कोशिश की और बाद में किसी ने उस पर पैर रख दिया।’’
लेकिन डेनिश मीडिया की खबरों के मुताबिक, शुक्रवार को अतिराष्ट्रवादी समूह ‘डांस्के पैट्रिआटर’ के सदस्यों ने कोपनहेगन में इराकी दूतावास के सामने कुरान की एक प्रति और एक इराकी ध्वज जलाया और फेसबुक पर इस कृत्य का सीधा प्रसारण किया था।
इस घटना ने लोगों को बगदाद में प्रदर्शन करने के लिए उकसाया। खामनेई के समर्थन में नारे लगाने के साथ प्रमुख नेताओं की तस्वीरें लेकर और उनके आंदोलन से जुड़े ध्वज के साथ इराकी ध्वज को लेकर सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने ग्रीन जोन में घुसने का प्रयास किया जहां उनकी सुरक्षा बलों से झड़प हुई, लेकिन उन्हें तितर-बितर कर दिया गया।
इराकी विदेश मंत्रालय ने शनिवार को बयान जारी करके डेनमार्क में इराकी दूतावास के सामने पवित्र कुरान और इराकी गणराज्य के ध्वज की बेअदबी की कड़े शब्दों में निंदा की।