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Pakistan: कराची पुलिस कार्यालय पर हमले के दो मुख्य साजिशकर्ता ढेर

कराची पुलिस कार्यालय में पिछले महीने हुए हमले में शामिल प्रतिबंधित पाकिस्तानी तालिबान संगठन से संबद्ध दो आतंकवादियों को पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) के कर्मियों नेमुठभेड़ में मार गिराया। मीडिया की खबरों में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
भारी हथियारों से लैस तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों ने फरवरी में कराची पुलिस प्रमुख के कार्यालय (केपीओ) पर हमला कर दिया था। इस हमले में तीन आतंकवादी और दो पुलिस कॉन्स्टेबल सहित अन्य चार लोग मारे गए थे।

पुलिस के अनुसार, घटना में पुलिसकर्मियों और रेंजर्स समेत 19 अन्य लोग घायल हो गए थे जिनका इलाज चल रहा है।
समाचार पत्र ‘डॉन’ की खबर के अनुसार, पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) को रविवार रात टीटीपी के आतंकवादियों के कराची आने की सूचना मिली थी। दो मोटरसाइकिल पर आए चार आतंकवादियों को सोमवार सुबह सीटीडी के कर्मियों ने रोका। रुकने के बजाय उन्होंने गोलियां चला दीं जिससे वहां मुठभेड़ शुरू हो गई। दो आतंकवादी मुठभेड़ में मारे गए और दो अन्य ने आत्मसमर्पण कर दिया।

खबर के अनुसार, उनके पास से आत्मघाती हमले में प्रयुक्त किए जाने वाली एक ‘जैकेट’ बरामद हुई, जिसे निष्क्रिय कर दिया गया है। मारे गए आतंकवादियों की पहचान आर्यदुल्लाह उर्फ हसन और वहीदुल्लाह उर्फ खालिद उर्फ हुजैफा के तौर पर हुई है।
सिंध के सूचना मंत्री शरजील इनाम मेमन ने कहा, ‘‘दोनों आतंकवादी केपीओ हमले के मुख्य साजिशकर्ता थे।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘ इन्होंने केपीओ हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों की मदद की थी…’’
खबर के अनुसार, कराची पुलिस कार्यालय पर हमले से एक हफ्ते पहले, तीन आत्मघाती हमलावर बस से कराची आए और एहसनाबाद में मारे गए आतंकवादी वहीद के घर पर रुके।

आत्मघाती जैकेट, हथियार और अन्य हथियार खैबर पख्तूनख्वा टैंक इलाके से एक ट्रक के जरिए कराची लाए गए थे।
खबर में मेमन के हवाले से कहा गया कि चारों आतंकवादी एक और हमले को अंजाम देने कराची आए थे, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि वे केपीओ हमले में अपने मकसद को हासिल नहीं कर पाए।
यह हमला प्रांतीय सरकार के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी थी क्योंकि कराची पुलिस प्रमुख का कार्यालय और सदर थाना मुख्य शाहराह-ए-फैसल रोड पर स्थित है, जहां पाकिस्तान वायुसेना फैसल बेस, पांच सितारा होटर सहित कई रणनीतिक प्रतिष्ठान स्थित हैं।
इससे पहले 30 जनवरी को तालिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने पेशावर की एक मस्जिद में दोपहर की नमाज़ के दौरान खुद को उड़ा लिया था, जिसमें 101 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक घायल हुए थे।

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