तुर्किये में दूसरे दौर के राष्ट्रपति चुनाव में शुरुआती मतगणना के आधार पर मिले अनधिकारिक परिणाम अलग-अलग दिख रहे हैं। तुर्किये की सरकारी ‘अनादोलू’ समाचार एजेंसी ने बताया कि अब तक 67 फीसदी मतों की गणना हो चुकी है और मौजूदा राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन आगे हैं, जबकि एक प्रतिस्पर्धी समाचार एजेंसी ने मुख्य प्रतिद्वंद्वी कमाल केलिचडारोहलू को थोड़े मतों से आगे बताया।
अनादोलू ने दिखाया कि एर्दोआन को 55 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि कमाल को 45 फीसदी मत मिले हैं।
इस बीच, विपक्ष की करीबी एनएनकेए समाचार एजेंसी ने दिखाया कि 69 फीसदी मतों की गणना हो चुकी है और इसमें से कमाल को 51 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि एर्दोआन को केवल 49 फीसदी वोट मिले हैं।
चुनाव परिणाम का असर अंकारा से आगे तक दिखेगा, क्योंकि तुर्किये यूरोप और एशिया के चौराहे पर स्थित है और वह उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) मेंअहम भूमिका निभाता है।
इस बार का मतदान यह फैसला करेगा कि लंबे समय से देश की सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन का निरंकुश शासन जारी रहेगा या फिर अधिक लोकतांत्रिक समाज बहाल करने का वादा करने वाले उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी कमाल केलिचडारोहलू उन्हें सत्ता से हटा देंगे।
देश में 14 मई को हुए पहले दौर के मतदान के बाद किसी भी उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए जरूरी बहुमत नहीं मिल पाया था।
मतदान रविवार सुबह आठ बजे शुरू हुआ। तुर्किये में ‘एक्जिट पोल’ नहीं होते, लेकिन शाम पांच बजे मतदान संपन्न होने के कुछ ही घंटों के अंदर प्रारंभिक परिणाम सामने आने की उम्मीद जा रही थी।
इस चुनाव में छह करोड़ 40 लाख से अधिक मतदाता मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए पात्र थे। इस्तांबुल में अपना वोट डालने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा कि यह तुर्की के इतिहास में पहला राष्ट्रपति चुनाव है, जिसमें दूसरे दौर का मतदान हो रहा है।
एर्दोआन ने पहले दौर में उच्च मतदान प्रतिशत की तरीफ की और कहा कि उन्हें रविवार को फिर से बड़ी संख्या में लोगों के मतदान करने की उम्मीद है।
चौहत्तर वर्षीय पूर्व नौकरशाह केलिचडारोहलू ने दूसरे दौर के मतदान को देश के भविष्य के लिहाज से एक जनमतसंग्रह के रूप में वर्णित किया।
एर्दोआन पिछले 20 साल से तुर्किये की सत्ता पर काबिज हैं। पहले दौर के मतदान में जीत के लिए आवश्यक बहुमत से कुछ अंतर से चूक गए एर्दोआन के दूसरे दौर में जीत हासिल करने का अनुमान जताया जा रहा है। पहले चरण में एर्दोआन अपने प्रतिद्वंद्वी केलिचडारोहलू से चार प्रतिशत अंकों से आगे रहे थे।
पूर्व नौकरशाह केलिचडारोहलू (74) छह दलों के गठबंधन और मध्यमार्गी-वामपंथी मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवार हैं। उन्होंने इस चुनाव को देश के भविष्य के लिए जनमत संग्रह करार दिया है।