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संयुक्त राष्ट्र में कांगो में स्थिति बिगड़ी, M23 विद्रोहियों का कहर जारी

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी कांगो में एम23 उग्रवादियों ने बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों समेत लोगों की जान ली है।
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार एम23 विद्रोहियों ने बच्चों को सैनिक बनने के लिए मजबूर किया। 230 से अधिक लोगों के साक्षात्कार और कांगो के उत्तर किवू प्रांत के रुतशुरू क्षेत्र के दौरे के आधार पर 21 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की गयी जिसे इस सप्ताह प्रकाशित किया जा सकता है। रुतशुरू क्षेत्र पर एम23 ने कब्जा कर रखा है।
पूर्वी कांगो में दशकों से तनावपूर्ण हालात हैं जहां 120 से अधिक सशस्त्र समूह क्षेत्र में संघर्ष कर रहे हैं।

इनमें से अधिकतर मूल्यवान खनिजों वाली खानों और जमीन पर नियंत्रण के लिए, जबकि कुछ समूह अपने समुदायों की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं।
पहले से ही नाजुक स्थिति इस साल और बिगड़ गयी जब करीब एक दशक तक निष्क्रिय रहने के बाद एम23 फिर से सिर उठाने लगा।
एम23 सबसे पहले 10 साल पहले सामने आया था, जब उसके लड़ाकों ने कांगो के पूर्व में सबसे बड़े शहर गोमा पर कब्जा कर लिया था। समूह का नाम 23 मार्च, 2009 को हुए एक शांति समझौते की वजह से एम23 रखा गया।

समझौते में विद्रोहियों को कांगो की सेना में शामिल करने की वकालत की गयी थी। एम23 का आरोप है कि सरकार समझौते का पालन नहीं कर रही।
रिपोर्ट के अनुसार 2021 के आखिर में फिर से सक्रिय हुए एम23 ने नागरिकों की हत्या करना शुरू कर दिया और क्षेत्रों पर कब्जा करने लगा। एम23 लड़ाकों ने महिलाओं का उत्पीड़न और उनके साथ दुष्कर्म शुरू कर दिया।
एम23 ने आरोपों पर सवालों का जवाब नहीं दिया है, लेकिन इसके पहले वह दुष्प्रचार बताकर इन आरोपों को खारिज कर चुका है।

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