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भारत ने जिंदा जलाया ‘दुश्मन’ Drone, देख कर दंग रह गए चीन-पाकिस्तान!

भारत ने आखिरकार अपने खतरनाक हथियार से पर्दा उठा दिया है। भारत के इस हथियार ने आसमान में उड़ते ड्रोन को जिंदा जला दिया। दुश्मन ड्रोन को पहले ट्रैक किया गया और फिर बिना किसी आवाज के इस ड्रोन को राख में बदल दिया गया। ये है भारत का अपना स्वदेशी लेजर डायरेक्टेड वेपन। भारत के पास दुनिया के किसी और बड़े देश की तरह घातक लेजर वेपन सिस्टम मौजूद हैं। आज से पहले किसी ने इन तस्वीरों को नहीं देखा था। भारत ने पहली बार इसकी तस्वीर जारी करके सभी को चौंका दिया है। भारत ने दुनिया के सामने अपने लेजर वेपन सिस्टम की प्रदर्शनी की है। चीन और पाकिस्तान में तो इसे देख हड़कंप मच चुका है। भारत के इस लेजर हथियार ने 30 किलोवॉट की लेजर दुश्मन ड्रोन पर मारी और कुछ ही सेकेंड में पूरा ड्रोन जलकर राख हो गया। 

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यह क्रांतिकारी तकनीक है, जिसमें 30 किलोवॉट के एमके-II (ए) हथियार को आर्मी ट्रक पर लगाकर उड़ते ड्रोन पर लेजर बीम के जरिए निशाना लगाया गया। चंद सेकंड्स में लेजर बीम ने ड्रोन के सर्विलांस सेंसर और एंटिना को नष्ट कर गिरा दिया। डीआरडीओ चेयरमैन समीर वी. कामत ने बताया कि ड्रोन युद्ध में यह अत्याधुनिक सिस्टम हमारे सशस्त्र बलों के लिए क्रांतिकारी साबित होगा। यह एमके-II (ए) का जमीन से हवा में निशाना लगाने वाला संस्करण है। अभी अमेरिका, रूस और चीन के पास ही उच्च शक्ति वाली लेजर वेपन प्रणाली है।

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इजरायल इसे विकसित कर रहा है। जबकि हम सफल परीक्षण कर चुके हैं। इस हिसाब से इस प्रणाली वाले हम चौथे देश हुए। एमके-II (ए) रडार या इनबिल्ट इलेक्ट्रो ऑप्टिक सिस्टम द्वारा लक्ष्य को पहचानकर उसे प्रकाश की गति (3 लाख किमी/सेकंड) से भेद सकता है। इसकी लागत कुछ सेकंड के लिए फायर करने में खर्च होने वाले पेट्रोल के कुछ लीटर के बराबर होती है। उन्होंने बताया कि हम हाई एनर्जी माइक्रोवेव, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स जैसी अन्य हाई एनर्जी प्रणालियों पर भी काम कर रहे हैं। ये तकनीकें हमें स्टार्स वार्स जैसी क्षमता प्रदान करेंगी, जिन्हें आप अगले 6 महीने या एक साल में देखेंगे।

अब अमेरिका, रूस जैसे देशों की कतार में भारत 

DRDO प्रमुख ने बताया कि अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा या पांचवां देश है, जिसने इस तरह की ताकत दिखाई है। यह लेजर हथियार 360 डिग्री सेंसर से लैस है, जो सटीक निशाना लगाता है। इसे हवाई जहाज, ट्रेन, सड़क या समुद्र के रास्ते जल्दी तैनात किया जा सकता है। DRDO 300 किलोवाट का ‘सूर्या’ लेजर हथियार भी बना रहा है, जो 20 किलोमीटर की दूरी तक तेज गति की मिसाइलों और ड्रोन को नष्ट कर सकता है। 

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