विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत एक ऐसा देश बनकर उभरा है जो उच्च स्तर के आत्मविश्वास के साथ दुनिया में कहीं अधिक योगदान देने तथा विश्व के विरोधाभासों से सामंजस्य बिठाने में सक्षम है।
वियतनाम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए जयशंकर ने पिछले महीने नयी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के जरिए वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका तथा वियतनाम के साथ उसके गहरे ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक जुड़ाव का उल्लेख किया।
उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों से कहा, ‘‘भारत आज चंद्रमा पर पहुंचा एक देश है। यह ऐसा देश है जिसका वैश्विक प्रभाव अधिक से अधिक महसूस किया जाएगा…यह वाकई आज ऐसा देश है जिसमें कई अधिक क्षमताएं हैं, जो बहुत ज्यादा योगदान देने में सक्षम है और जिसमें आत्मविश्वास का स्तर बहुत अधिक है…।’’
जयशंकर ने कहा कि भारत का जो मुकाम है और उसने जो साख बनायी है वह दुनिया में यह धारणा बना रही है कि वह एक ऐसा देश है जो असल में दुनिया के विरोधाभासों के साथ सामंजस्य बिठा सकता है, दुनिया के विभाजनों को भर सकता है, साझा आधार ढूंढ सकता है और लोगों को एक साथ ला सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे जी20 हो या कई अन्य मंच। आज हम एक बड़ा अंतर पैदा कर रहे हैं कि हम दुनिया को सही मुद्दों पर ध्यान दिलाने में सक्षम हैं। और आज दुनिया के सही मुद्दे विकास, जलवायु, आतंकवाद तथा कर्ज हैं। इसलिए आज बाकी की दुनिया इनमें से कई स्थितियों को स्पष्ट करने के लिए भारत की ओर देख रही है।’’
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और वियतनाम एशिया में दो सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं हैं। उन्होंने कहा कि 15 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार बहुत तेजी से और बढ़ सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हर देश के लिए रक्षा और सुरक्षा के मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण हैं। हम लंबे समय से वियतनाम के विश्वसनीय साझेदार रहे हैं।’’
जयशंकर ने लोगों के बीच परस्पर संबंधों की महत्ता पर जोर दिया और देश के वैश्विक संपर्क को मजबूत बनाने में भारतीय समुदाय की भूमिका की प्रशंसा की।
जयशंकर चार दिवसीय यात्रा पर रविवार को वियतनाम पहुंचे थे।