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भारत-चीन है जेनोफोबिक, बाइडेन ने अर्थव्यवस्था को लेकर दिया अटपटा बयान, कहा- बाहरी लोगों से नफरत करने की वजह से ही…

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि भारत, चीन, रूस और जापान से ज़ेनोफोबिया ने उनके आर्थिक विकास को रोक दिया है। बाइडेन ने कहा कि चीन आर्थिक रूप से क्यों इतना मंद है, जापान को क्यों परेशानी हो रही है, रूस को क्यों, भारत को क्यों, क्योंकि वे ज़ेनोफ़ोबिक हैं। वे अप्रवासी नहीं चाहते. अप्रवासी ही हमें मजबूत बनाते हैं। बता दें कि जेनोफोबिया से ग्रसित उन्हें कहा जाता है जो अजनबियों से डरते या बाहरी अपरिचित व्यक्तियों से नफरत करते हैं। यानी बाइडेन ने भारत को एक ऐसा देश बताया है जो दूसरे देशों के लोगों से नफरत करता है। 

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2024 में फिर से सत्ता में आने के लिए वाशिंगटन में फंड रेसिंग प्रोग्राम में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था के बढ़ने का एक कारण आप और कई अन्य लोग हैं। क्यों? क्योंकि हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं। बाइडेन इस साल होने वाले अमेरिकी चुनान में राष्ट्रपति पद की रेस में रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ मैदान में हैं। उन्होंने अक्सर अपने प्रतिद्वंद्वी की आप्रवासी विरोधी बयानबाजी के लिए आलोचना की है। ट्रम्प ने कार्यालय में चुने जाने पर अवैध आप्रवासन पर अंकुश लगाने और कानूनी प्रवासन को प्रतिबंधित करने का वादा किया है। अपने प्रचार अभियान के दौरान उन्होंने देश में हिंसा बढ़ने के लिए आप्रवासियों को जिम्मेदार ठहराया था।

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इससे ठीक उलट बाइडेन ने प्रवासियों के मुद्दे पर अधिक मानवीय रुख की वकालत की है। सत्ता में आने के बाद से बाइडेन ने प्रवासियों पर ट्रम्प-युग की कार्रवाई को कम कर दिया है और नई पैरोल नीतियां पेश की हैं, जो कुछ प्रवासियों को मानवीय कारणों से कानूनी रूप से प्रवेश करने की अनुमति देती हैं। हालाँकि, शोध से पता चलता है कि बाइडेन को बेरोजगारी और आप्रवासन को लेकर मतदाताओं की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। एपी-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि आधे से अधिक अमेरिकी वयस्क सोचते हैं कि बाइडेन के राष्ट्रपति पद ने देश को रहने और आप्रवासन की लागत पर नुकसान पहुंचाया है।

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