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Germany में फंसी भारत की बेटी आरिहा, 22 महीने से गुहार लगा रही मां को आई सुषमा स्वराज की याद

जर्मनी में भारतीय मूल की एक बच्ची चाइल्ड सर्विसेज की कस्टडी में है। इधर बच्ची की मां मुंबई में जर्मन दूतावास के बाहर प्रदर्शन करती नजर आईं। दरअसल, जर्मनी की चाइल्ड सर्विसेज ने 2 साल की बच्ची को इस संदेह में दूर ले गई कि माता-पिता द्वारा उसका शारीरिक शोषण किया जा रहा है। लेकिन फरवरी 2022 तक आपराधिक आरोप हटा दिए जाने के बावजूद, वह अपने माता-पिता के साथ फिर से नहीं रह पा रही है। परिजन का आरोप है कि बच्ची को बर्लिन में 20 महीने से जिस सेंटर में रखा गया था। अब उसे वहां से उठाकर मंदबुद्धि सेंटर में भेज दिया गया है। बच्ची की मानसिक हालत खराब बताकर व्यवहार किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे अरिहा शाह की भारत वापसी की लगातार वकालत करते रहे हैं।

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बच्ची को वापस लाने के प्रयास में भारत सरकार
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम जर्मनी से बच्ची (अरिहा शाह) को भारत वापस करने का अनुरोध कर रहे हैं। वह एक भारतीय नागरिक है और उसे 2021 में जर्मनी के युवा कल्याण की हिरासत में रखा गया था जब वह 7 महीने की थी। अब वह पिछले 20 महीनों से फॉस्टर होम में है। दूतावास ने बार-बार जर्मन अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए अनुरोध किया है कि अरिहा का उसकी सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई पृष्ठभूमि के साथ संबंध से समझौता नहीं किया गया है और बर्लिन में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र में बच्चे के साथ-साथ सांस्कृतिक विसर्जन के लिए कांसुलर एक्सेस की मांग की गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम जर्मन अधिकारियों से अरिहा को जल्द से जल्द भारत भेजने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह कर रहे हैं। हम अरिहा शाह की भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

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सुषमा स्वराज को किया याद
अरिहा के माता-पिता द्वारा विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर से मिलने के बार-बार अनुरोध के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान सामने आया है। माता-पिता हस्तक्षेप करने के लिए लगातार भारत में अधिकारियों से मिलते रहे हैं। अरिहा की व्याकुल और भावुक मां धारा शाह ने अपने बच्चे को वापस पाने के संघर्ष के बीच दिवंगत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को याद किया। सुषमा स्वराज, वह एक मां थीं। इसलिए वह एक मां का दर्द समझती थीं। यहां तक ​​कि विपक्ष में रहते हुए भी उन्होंने हमेशा इस कारण का समर्थन किया। वह कहती थीं, अगर बच्चा भारतीय नागरिक है, तो हमें पता है कि अपने बच्चे की देखभाल कैसे करनी है। ये उनका स्टैंड था। 20 महीने हो गए हैं। मुझे विश्वास है कि अगर भारत सरकार हस्तक्षेप करती है। अगर पीएम मोदी इस मामले में हस्तक्षेप करते हैं तो मेरी बेटी को न्याय मिलेगा। वो एक भारतीय बच्ची है। एक गुजराती बच्ची है। 

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