26 जनवरी की परेड से पहले भारत ने एक बड़ा खेल कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि भारत ने सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया के राष्ट्रपति का विमान मुड़वा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार 26 जनवरी पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो चीफ गेस्ट के तौर पर आ रहे हैं। लेकिन मजे की बात ये है कि भारत ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि अभी तक 26 जनवरी के चीफ गेस्ट के नाम की घोषणा आधिकारिक तौर पर नहीं हुई है। 2024 पर नजर डालें तो फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया गया था। लेकिन इमैनुएल मैक्रों के नाम की घोषणा दिसंबर में ही कर दी गई थी। इसी तरह 2023 में मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल सिसि को बुलाया गया था। अब्दुल फतेह अल सिसि के नाम की घोषणा तो दो महीने पहले नवंबर में ही कर दी गई थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
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आपको बता दें कि यहां पर पाकिस्तान ने बहुत ही गंदा खेल खेलने की कोशिश की है। लेकिन उसके बाद भारत ने जो किया वो हैरान करने वाला है। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भारत में गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेने के तुरंत बाद पाकिस्तान आएंगे। वो पाकिस्तान में दो दिनों तक रहेंगे। लेकिन ये बात भारत को पसंद नहीं आई। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी मीडिया के दावों को गंभीरता से लेते हुए भारत ने शायद ये मुद्दा इंडोनेशिया के साथ उठा दिया। सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को एक तराजू पर मत तौलिए। भारत ने बुलाया है तो अभी सिर्फ भारत आइए। पाकिस्तान के बारे में मत सोचिए। अब खबर आ रही है कि प्रबोवो सुबियांतो पाकिस्तान नहीं जाएंगे। प्रबोवो सुबियांतो अब पाकिस्तान की जगह मलेशिया जाएंगे।
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ये खबर सुनकर पाकिस्तान के पैरों तले जमीन खिसक गई है। मोदी सरकार ने सुबियांतों का विमान मुड़वाकर अब पाकिस्तान की जगह मलेशिया करवा दिया है। प्रबोवो सुबियांतो नए नए राष्ट्रपति बने हैं तो शायद उन्हें पता न हो कि भारत अपनी फॉरेन पालिसी बदल चुका है। कुछ सालों पहले तक जो भी नेता भारत आता था वो पाकिस्तान भी जाता था। लेकिन भारत ने अब साफ कर दिया है कि आप भारत आ रहे हैं तो भारत आइए लेकिन हमसे मिलने के बाद पाकिस्तान जाने की जरूरत नहीं है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबियांटो को गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करके भारत ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है। पहली बात यह है कि इंडोनेशिया की भारत के साथ अच्छी मित्रता है। इस कारण भारत ने 1950 के बाद तीसरी बार किसी इंडोनेशियाई नेता को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।