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भारत हमारा स्ट्रैटेजिक साझेदार, मॉस्को में मौजूद पीएम मोदी से अमेरिका ने कर दी खास अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की अपनी दो दिवसीय यात्रा पर हैं। उनकी इस यात्रा पर अमेरिका-चीन समेत दुनियाभर की निगाहें टिकी हैं। पीएम मोदी बाद में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है जब एक तरफ नाटो की बैठक चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ गाजा में इजरायल और हमास के बीच जंग छिड़ा है। रूस और यूक्रेन युद्ध के तीन साल गुजर चुके हैं। ऐसे में अमेरिका की तरफ से पीएम मोदी से एक खास अपील की गई है। 

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अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हमने हंगरी के प्रधानमंत्री पीएम ओर्बन की तरह पीएम मोदी को राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से मिलते देखा। हमें लगता है कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है। रूस के साथ बातचीत करने वाले किसी भी देश की तरह हम भारत से भी आग्रह करेंगे, यूक्रेन में संघर्ष का कोई भी समाधान ऐसा होना चाहिए जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो, जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता, यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करता हो और जिसमें उसके साथ संबंधों के बारे में हमारी चिंताएं शामिल हों।

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भारत हमारा स्ट्रैटेजिक साझेदार है जिनके साथ हमारी स्पष्ट बातचीत है। मैथ्यू मिलर ने आगे कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि भारत, या कोई अन्य देश जब रूस के साथ जुड़ेगा तो वह स्पष्ट करेगा कि मॉस्को को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। फरवरी 2022 में यूक्रेन के साथ संघर्ष शुरू होने के बाद से अमेरिका भारत पर रूस के साथ अपने संबंध तोड़ने का दबाव बना रहा है। भारत ने रूस के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों और अपनी आर्थिक जरूरतों का हवाला देते हुए दबाव का विरोध किया है, हालांकि, उसने शांतिपूर्ण समाधान के लिए आवाज उठाई है।  

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