भारत ने इजरायल और ईरान के बीच संतुलन बनाकर दुनिया में ये साबित कर दिया कि वो अपने सभी दोस्तों के साथ खड़ा रहता है। इस बार भारत ने लेबनान को मानवीय सहायता भेजी। विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि कुल 33 टन चिकित्सा आपूर्ति भेजी जा रही है। आज 11 टन चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप भेजी गई। इस सहायता का उद्देश्य मौजूदा चुनौतियों के बीच आवश्यक सहायता प्रदान करना है। ये कदम अपने आप में बड़ी कूटनीतिक सफलता है। मध्य पूर्व में संघर्ष कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार ये टकराव इजरायल और उसके पड़ोसी देशों के बीच बड़ी तेजी से बढ़ रहा है।
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इजरायल और लेबनान के हिजबुल्लाह के बीच के संघर्ष ने एक बड़ा रूप ले लिया है। इसके साथ इजरायल ईरान के खिलाफ भी लंबे समय से अपनी लड़ाई जारी रखे हुए है। लेकिन इन सब के बीच भारत ने संतुलित दृष्टिकोण अपनाया हुआ है। भारत ने न तो किसी पक्ष का समर्थन किया और न ही किसी से दुश्मनी मोल ली है। आपने देखा होगा कि हाल में कई पश्चिमी और यूरोपी देश इजरायल से दूरी बनाते जा रहे हैं। जी7 के सात देशों में केवल अमेरिका ही इजरायल का खुलकर समर्थन कर रहा और हथियारों की सप्लाई कर रहा।
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इजराइल ने बीते कुछ दिनों में किए हमलों में हिजबुल्ला के शीर्ष नेता हसन नसरल्ला के साथ ही कई शीर्ष कमांडरों को मार गिराया है। हमास के हमले के एक साल पूरे होने के बाद इजरायली सेना की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार बेरूत में एक हमले में हिजबुल्ला के एक वरिष्ठ कमांडर को मार गिराया गया। वहीं इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच की जंग में अब तक 22 लाख लोग लेबनान में अपने घरों को छोड़ चुके हैं। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू साफ ने साफ कर दिया है कि वो गाजा की तरह लेबनान को बनने से बचाने का केवल एक ही तरीका है कि हिजबुल्लाह को अपने देश से बाहर करें।