पाकिस्तान और चीन के प्रधानमंत्री की मुलाकात के बाद संयुक्त बयान आया है उसमें कश्मीर का जिक्र है। बताया गया है कि कश्मीर एक ऐसा मुद्दा है कि जिसका हल अब तक नहीं किया गया है। यूएन चार्टर के तहत उसका हल निकालने की बात कही गई है। प्रभासाक्षी के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर हमारा जो पक्ष है आप उससे भलि भांति परिचित हो। हम लोगों ने कई दफा यहां से कहा है। मैं चाहूंगा कि हम लोगों ने जो कहा है उस पर आप नजर डाल लें। कश्मीर हमारा था, है और रहेगा।
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अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने का परोक्ष संदर्भ देते हुए चीन और पाकिस्तान ने एकतरफा कार्रवाई के प्रति अपना विरोध दोहराया तथा क्षेत्र में सभी लंबित मुद्दों के समाधान की आवश्यकता बताई। चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग की इस्लामाबाद यात्रा के संबंध में जारी चीन-पाकिस्तान संयुक्त वक्तव्य में कश्मीर मुद्दे पर उनकी घोषित स्थिति का उल्लेख किया गया तथा कहा गया कि इसे प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय कानूनों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार हल किया जाना चाहिए। चीन के प्रधानमंत्री ली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद में थे। वह चीनी नागरिकों पर आतंकवादी हमलों की बढ़ती घटनाओं के बीच पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता और बैठकें करने के लिए इस्लामाबाद जल्द पहुंच गए थे।
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दोनों पक्षों ने दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और सभी लंबित विवादों के समाधान की आवश्यकता तथा किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध करने की बात दोहराई। पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में स्थिति के नवीनतम घटनाक्रम के बारे में चीनी पक्ष को जानकारी दिए जाने के दौरान, चीनी पक्ष ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर विवाद काफी पुराना है, और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित व शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए।