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India-Russia की दूरी और होगी कम, अफगानिस्तान उठाने जा रहा बड़ा कदम

अफगानिस्तान क्षेत्रीय संपर्क स्थापित करने और देश के माध्यम से क्षेत्रीय पारगमन और स्थानान्तरण को बढ़ाने के लिए “बड़े पैमाने पर” रेलवे नेटवर्क स्थापित करने की योजना बना रहा है। मजार-ए-शरीफ-हेरात-कंधार रेलवे परियोजना के रूप में बिल की गई महत्वाकांक्षी योजना को देश के आर्थिक आयोग द्वारा अनुमोदित किया गया है और इसे घरेलू राजस्व के साथ पूरा किया जाएगा। इस बात की जानकारी आर्थिक मामलों के लिए उप प्रधान मंत्री के कार्यालय की ओर से दी गई है। हालांकि, इसमें परियोजना की अनुमानित लागत का जिक्र नहीं था। 

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जानकारी के मुताबिक 1,468 किलोमीटर लंबा (912 मील) नेटवर्क, जो नौ अफगान प्रांतों के 37 जिलों से होकर गुजरेगा। इसमें 800 गांव होंगे। इसका उद्देश्य अफगानिस्तान के माध्यम से पूर्वी एशिया को ईरान, तुर्की और यूरोप से जोड़ना है। इसका फायदा भारत को भी होने जा रहा है। अफगानिस्तान के माध्यम से मास्को और नई दिल्ली के बीच दूरी और कम हो जाएगी। अफगानिस्तानसबसे छोटा और सबसे किफायती मार्ग बना रहा है। बताया गया है कि रूस और मध्य एशिया को दक्षिण एशिया और अफगानिस्तान के माध्यम से समुद्री बंदरगाहों से जोड़ना भी इसमे शामिल है। 
 

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अफगानिस्तान को ईरान के चाबहार और बंदर अब्बास बंदरगाहों और पाकिस्तान के कराची और ग्वादर बंदरगाह से जोड़ना है। बयान के अनुसार, परियोजना दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण में, मजार-ए-शरीफ-हेरात खंड लगभग 657 किमी (408 मील) तक फैला होगा, जबकि दूसरा खंड हेरात से शुरू होकर निमरोज, फराह, हेलमंड और कंधार से गुजरते हुए और स्पिन बोल्डक पर समाप्त होगा। इसकी 811 किमी (504 मील) की लंबाई है।

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