भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा है कि आतंकवादियों द्वारा लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा जारी है।
उसने साथ ही सभी तरह के आतंकवाद के प्रति कई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
भारत की संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत रुचिरा कम्बोज ने मंगलवार को कहा कि सदस्य देशों को राजनीतिक और निर्णय लेने की प्रक्रिया में हिस्सेदारी और समावेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद और चरमपंथ वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा है और इससे महिलाएं और लड़कियां बहुत अधिक प्रभावित हैं।’’
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘महिला, शांति और सुरक्षा : प्रस्ताव 1325,25वीं वर्षगांठ की ओर’ विषय पर बहस की शुरुआत करते हुए कम्बोज ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा जारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हिंसा की कड़ी की जानी चाहिए और आतंकवाद के प्रति कतई सहन नहीं करने (जीरो टॉलरेंस)की नीति अपनाई जानी चाहिए।’’
गौरतलब है कि सुरक्षा परिषद ने महिला, शांति और सुरक्षा से संबंधित प्रस्ताव 1325 को अक्टूबर 2000 में पारित किया था।