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Afghanistan में भारत का तूफान, डरे चीन-अमेरिका और पाकिस्तान

अफगान में इन दिनों वर्चस्व की एक जंग चल रही है। इस जंग में भारत को जीतता देख कई देशों में बवाल खड़ा हो गया है। इस जंग में भारत जिस तरह से कूटनीतिक स्तर पर अफगानिस्तान में घुसा और पाकिस्तान को हराया। उसने चीन और अमेरिका के भी अब होश उड़ा दिए हैं। ऐसे में खबरें आ रही हैं कि अमेरिका और चीन अब तालिबान और भारत की दोस्ती तोड़वाने के लिए एक बड़ा सीक्रेट ऑपरेशन चला सकता है। साल 2024 पिछले दस सालों में पाकिस्तानी सेना के लिए सबसे ज्यादा खूनी साल रहा है। पाकिस्तानी सेना पर 500 से ज्यादा हमले हुए। इन हमलों में 1600 से भी ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक और पाकिस्तानी पुलिसवाले मारे गए। हैरान करने वाली बात ये है कि ये वही पाकिस्तान है जो 15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का जश्न मना रहा था। खुशी के आंसू रो रहा था। लेकिन आज इसी तालिबान की वजह से पाकिस्तान खून के आंसू रो रहा है। 

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पाकिस्तान ने तालिबान पर दबाव बनाया कि वो भारत के खिलाफ एक्शन ले। मगर तालिबानी समझदार निकले। वो जानते थे कि फायदा भारत से मिलेगा न कि पाकिस्तान से। इसलिए तालिबान ने भारत के लिए पाकिस्तान से पल्ला झाड़ लिया। भारत को खुश करने के लिए तालिबान ने पाकिस्तान की जो हालत की है, उसे देखकर चीन और अमेरिका भी घबरा गए हैं। इसी डर की वजह से चीन और अमेरिका अब भारत और तालिबान की दोस्ती तुड़वाना चाहते हैं। चीनी और अमेरिकी डीप स्टेट भारत के खिलाफ एक बड़ा एक्शन ले सकते हैं। इसमें तालिबान को धमकी दी जा सकती है। डराया जा सकता है और लालच भी दिया जा सकता है कि वो भारत से दूर रहे। 

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अब आप सोच रहे होंगे कि चीन और अमेरिका ऐसा क्यों चाहते हैं। तो आपको बता दें कि चीन इस इलाके में अपनी बेल्ट एंड रोड परियोजना में अरबों डॉलर लगा चुका है। चीन पूरे सेंट्रल एशिया में दबदबा बनाना चाहता है। चीन को उईगर मुस्लिम विद्रोहियों से निपटने के लिए भी तालिबान की जरूरत है। यहां  तक की सीपैक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी वर्कर्स पर हो रहे हमलों को रुकवाने के लिए चीन को तालिबान की ही जरूरत है। लेकिन भारत और तालिबान की नजदीकी की वजह से चीन के ये सारे मंसूबे फेल हो सकते हैं। चीन भारत के खिलाफ जिस पाकिस्तान का इस्तेमाल हमेशा से करता आया है, उस पाकिस्तान को तालिबान ने पीटना शुरू कर दिया है। ये भी चीन के लिए एक बड़ा खतरा है। दूसरे तरफ अगर बात अमेरिका की करें तो उसे पता है कि एक ही वक्त पर चीन, पाकिस्तान और भारत पर दबदबा बनाना है तो उसे अफगानिस्तान में अपनी पकड़ मजबूत रखनी होगी। अमेरिका नहीं चाहता कि अफगानिस्तान में उसकी पकड़ कमजोर हो जाए। इसलिए अमेरिकी सेना जब अफगानिस्तान से निकली थी तो अपने पीछे काफी हथियार छोड़ गई थी। अमेरिका चाहता था कि तालिबान मजबूत रहे और उसकी मदद भी करता रहे। लेकिन भारत ने पूरा खेल ही बिगाड़ दिया। अमेरिका अफगानिस्तान में जो हथियार छोड़ कर आया था अब उन्हीं हथियारों का इस्तेमाल तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ कर रहा है। 

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