विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन में जारी संघर्ष पर ‘‘गहरी’’ चिंता जताते हुए रविवार को कहा कि भारत शांति के पक्ष में है और शुरुआत से ही भारत का प्रयास बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रहा है। उन्होंने कहा कि मतभेदों को हिंसा से नहीं सुलझाया जा सकता।
दो देशों की अपनी आधिकारिक यात्रा के दूसरे चरण में साइप्रस से यहां पहुंचे जयशंकर ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
जयशंकर ने कहा, ‘‘यह (यूक्रेन) संघर्ष वास्तव में बहुत गहरी चिंता का विषय है… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर में घोषणा की (कि) हम वास्तव में मानते हैं कि यह अब युद्ध का युग नहीं है। आप हिंसा के माध्यम से मतभेदों और मुद्दों को नहीं सुलझा सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शुरू से ही हमारा प्रयास (रूस और यूक्रेन से) संवाद और कूटनीति पर लौटने का आग्रह करना रहा है… प्रधानमंत्री ने खुद राष्ट्रपति (व्लादिमीर) पुतिन और राष्ट्रपति (वोलोदिमीर) ज़ेलेंस्की के साथ कई मौकों पर बात की है। मैंने खुद रूस और यूक्रेन में मेरे सहयोगियों से बात की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि यह आसानी से हल करने योग्य स्थिति नहीं है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि जो देश वार्ता में विश्वास करते हैं, वे इस संबंध में स्पष्ट रूप से बात करें। हम शांति के पक्ष में हैं और दुनिया का एक बड़ा हिस्सा हमारी तरह सोचता है।