प्रधानमंत्री की इंडोनेशिया यात्रा पर विदेश सचिव की प्रेस ब्रीफींग हुई। विदेश मंत्रालय के सचिव सौरभ कुमार ने कहा कि इस वर्ष इंडोनेशिया आसियान का अध्यक्ष है और उनका विषय आसियान मामले: विकास का केंद्र है। इस ढांचे के भीतर, इंडोनेशिया ने आसियान दृष्टिकोण को लागू करने के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम आसियान इंडो-पैसिफिक फोरम का आयोजन किया। भारत आसियान देशों के साथ संबंध प्रगाढ़ बनाने और तकनीक का लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है। 6 को मोदी जकार्ता जायेंगे और 7 की शाम से पहले वापस आयेंगे।
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भारत ने आसियान देशों के साथ कनेक्टिविटी बढाने पर ध्यान दिया है और भुगतान सेवा यूपीआई का लाभ सिंगापुर में लिया जा रहा है। ट्रेड और बिजनेस भी आयिसान देशों के साथ बढ़ा है। कोविड के समय भी भारत ने आयियान देशों की मदद की थी। सवाल के जवाब में विदेश सचिव ने बताया की मोदी की कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं है क्योंकि यह उनका बहुत छोटा दौरा है। वहां पर भी जिनपिंग की बजाय चीनी पीएम ही जा रहे है। चीन का मैप आसियान के कई देशों को प्रभावित करता है क्या इस पर बात होगी, इस पर सौरभ कुमार सेक्रेटरी ईस्ट ने कहा कि आपसी सहमति से जुड़े वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर ही चर्चा होगी।
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विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार से जब पूछा गया कि क्या चीन के नए राष्ट्रीय मानचित्र को खारिज करने वाले हिंद-प्रशांत देशों से एक बयान की उम्मीद है, तो उन्होंने कहा कि यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि जब नेता मिलेंगे तो क्या चर्चा होगी। लेकिन मुद्दे जो आपसी चिंता के विषय हैं, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे सामने आएंगे।