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India UK Trade: ब्रिटेन को ऐसे सबक सिखाएगा भारत, महंगा पड़ा खालिस्तानी समर्थकों को पनाह देना, रोक दी व्यापार वार्ता

लंदन में भारतीय उच्चायोग पर पिछले महीने खालिस्तानी अलगाववादियों के हमले को लेकर भारत ने यूनाइटेड किंगडम के साथ व्यापार वार्ता को रोक दिया है। हिन्दुस्तान टाइम्स ने ब्रिटिश सरकार के सूत्रों का हवाला देते हुए बताया की ब्रिटेन पर राजनयिक भवनों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया गया है। ब्रिटिश अखबार ने सरकार के सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया कि भारत व्यापार के बारे में बात नहीं करना चाहता जब तक ब्रिटेन में सिख उग्रवाद और विशेष रूप से 19 मार्च की घटनाओं का उल्लेख की आलोचना करने वाला बयान सार्वजनिक तौर पर जारी नहीं किया जाता।

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हालंकि ब्रिटिश गृह मंत्रालय की ओर से वार्ता को वापस ट्रैक पर लाने की कोशिश की जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले हफ्ते में एक बड़ी घोषणा की जा सकती है। इसके अलावा यूके सरकार सिख चरमपंथियों और खालिस्तान आंदोलन से जुड़े समर्थकों के खिलाफ बड़ा एक्शन ले सकती है। खालिस्तान समर्थक भारत के राज्य पंजाब को अलग करने की मांग कर रहे हैं। वैसे भारत ने पूरे मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। 

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ब्रिटिश राजनेताओं ने हिंसा की घटना को अस्वीकार्य कार्य बताते हुए इसकी निंदा की है। कंजर्वेटिव और लेबर दोनों सांसदों ने प्रधानमंत्री ऋषि सनक की सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। लेकिन नई दिल्ली अपनी बात को लेकिन अडिग है कि समर्थक सिख चरमपंथी समूह से सख्ती से निपटा जाना चाहिए, भले ही वह विदेशी धरती पर ही क्यों न हो। द टाइम्स के सूत्रों के अनुसार, ब्रिटेन का गृह मंत्रालय व्यापार वार्ता को फिर से शुरू करने के प्रयास में उस देश में खालिस्तानी नेताओं और समूहों पर कार्रवाई की योजना बना रहा है। इस वार्ता को ब्रेक्सिट के बाद खुद को स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रही ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। टैरिफ और भारतीय बाजारों तक पहुंच। ऋषि सुनक सरकार को इस सौदे से भारत को निर्यात दोगुना होने की उम्मीद है। 

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