अमेरिका में एक भारतीय नागरिक को बुजुर्गों से धोखाधड़ी करने के आरोप में 33 महीने जेल की सजा सुनाई गई है और 24 लाख डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है।
आशीष बजाज (29) ने पिछले साल चार अगस्त को नेवार्क संघीय अदालत में जिला न्यायाधीश केविन मैकनेकल के समक्ष ऑनलाइन धोखाधड़ी करने की साजिश रचने की बात स्वीकार की थी।
अमेरिका के न्याय मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि न्यू जर्सी और पूरे अमेरिका में बुजुर्ग लोगों को निशाना बनाने वाली अंतरराष्ट्रीय साजिश में उसकी संलिप्तता के लिए उसे 33 महीने की जेल की सजा दी गई है और 24 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया गया है।
रिहाई के बाद भी दो साल तक उस पर नजर रखी जाएगी।
मामले से जुड़े दस्तावेजों के अनुसार, अप्रैल 2020 से अगस्त 2021 तक बजाज और उसके साथियों ने खुद को विभिन्न बैंकों, ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और ऑनलाइन भुगतान कंपनियों का प्रतिनिधि बताकर अमेरिका में बुजुर्ग लोगों को निशाना बनाया।
अभियोजकों ने बताया कि बजाज और उसके साथियों ने बुजुर्गों से झूठ कहा कि उनके धोखाधड़ी रोकथाम प्रयासों के तहत अपराधियों को पकड़ने के लिए किए जा रहे एक स्टिंग ऑपरेशन में उनकी मदद की जरूरत है।
उन्होंने बुजुर्गों को उनके बैंक खातों से उनके द्वारा नियंत्रित खातों में पैसे भेजने को कहा और कथित स्टिंग ऑपरेशन के कुछ दिन बाद उनके पैसे वापस करने का झूठा वादा किया।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार उन्होंने भारत, चीन, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात में स्थित विभिन्न बैंकों में भी ऑनलाइन पैसे भेजे। बुजुर्गों ने अमेरिका में बजाज के बैंक खातों में भी ऑनलाइन पैसे भेजे। बजाज के कैलिफोर्निया स्थित घर पर भी नकद और चेक भेजे गए।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार इस साजिश के जरिए 2,50,000 डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की गई।