उप राष्ट्रपति कमला हैरिस सहित भारतीय अमेरिकियों ने नागरिक अधिकारों के नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर की विरासत को अमूल्य बताते हुए सोमवार को कहा कि देश को मतदान करने की स्वतंत्रता और सभी की आजादी के लिए लड़ाई जारी रखनी चाहिए।
अश्वेतों के लिए नागरिक अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले किंग का जन्म 15 जनवरी, 1929 को जॉर्जिया के अटलांटा में हुआ था।
हैरिस ने कहा, ‘‘डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने नस्ली न्याय, आर्थिक न्याय और उस स्वतंत्रता पर जोर दिया जो इन सभी की राहें खोलती है, यानी मतदान करने की स्वतंत्रता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम जिस व्यक्ति की विरासत का जश्न मना रहे हैं, उसने सबके लिए समानता की आवाज बुलंद की, उसकी विरासत अमूल्य है और उसका सही मायने में सम्मान करने के लिए हमें वोट देने की स्वतंत्रता और सभी की आजादी के लिए लड़ाई जारी रखना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर की विरासत का जश्न मनाते हुए आइए, हम सभी एक बेहतर, निष्पक्ष, अधिक न्यायसंगत दुनिया के निर्माण के लिए फिर से प्रतिबद्ध हों।’’
भारतीय अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर के सपने को पूरा करने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है।
सांसद रो खन्ना ने कहा, ‘‘हम मार्टिन लूथर किंग जूनियर का सम्मान करते हैं, जो हमारे देश के इतिहास में न्याय और मानवाधिकारों के महानतम समर्थकों में से एक हैं। जब हम उनकी विरासत पर विचार करते हैं तो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए अधिक समान और न्यायपूर्ण अमेरिका बनाने के लिए फिर से प्रतिबद्धता जताते हैं।’’
सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा कि डॉ किंग जैसे नेता एक पीढ़ी में एक बार आते हैं। उन्होंने ‘‘हमें मुश्किल वक्त में सपने देखने और एकजुट होने का पाठ पढ़ाया।’’
रिपब्लिकन पार्टी की नेता निक्की हेली ने कहा कि मार्टिन लूथर किंग के शब्द अनंत काल तक याद रखे जाएंगे कि ‘‘हमें अपने देश की चुनौतियों का मिलकर सामना करना होगा। हममें से सभी अपना एक छोटा हिस्सा इसके लिए योगदान करेंगे।’’
इस बीच, अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू भारतीय अमेरिकी समुदाय के कई सदस्यों के साथ किंग के गृह नगर जॉर्जिया के अटलांटा पहुंचे और वहां किंग सेंटर में उन्हें श्रद्धांजलि दी।
संधू ने किंग को अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन का नेता और अहिंसा की वकालत करने वाला बताया।