लंदन में भारतीय उच्चायोग ने ऐतिहासिक गिल्डहॉल में अपने वार्षिक गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन संगीत, नृत्य और नयी दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर परेड की झलकियों के साथ किया।
ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने इस मौके पर मौजूद ब्रिटिश सांसदों, समुदायिक नेताओं, राजनयिकों, उद्यमियों और भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने 73 साल पहले लागू भारत के संविधान पर विचार व्यक्त किए और बताया कि यह “उल्लेखनीय”दस्तावेज वास्तव में देश के लिए क्या मायने रखता है।
दोरईस्वामी ने बृहस्पतिवार शाम को 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में कहा, “संविधान की परिभारत के संविधान की भावना और अर्थ को पूरी तरह से व्यक्त नहीं करती है क्योंकि यह 1.4 अरब लोगों के लिए है।”
उन्होंने कहा, “हमारा संविधान स्पष्ट रूप से उन वादों को निर्धारित करता है जो हम भारतीयों ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में, मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करने, अपने सभी लोगों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुनिश्चित करने के लिए अपने आप से किया है।
यह हालांकि इससे कहीं अधिक है; जो बात इससे सबसे उल्लेखनीय बनाती है वह भारत के संविधान को अपनाने का संदर्भ तथा इसके द्वारा पीढ़ियों से भारतीयों में पैदा की जाने वाली भावना है।”
भारत-ब्रिटेन संबंधों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने भारतीय समुदाय के जीवंत पुल के तौर पर काम करने की क्षमता और मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर चल रही वार्ता की बात की।