सिंगापुर में भारतीय मूल के एक 73 वर्षीय बुजुर्ग को प्रवासी लाभ हासिल करने के लिए अपने एक सहकर्मी और अपनी भतीजी की शादी कराने के आरोप में छह महीने की सजा सुनाई गई है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2016 में मीरान गनी नागूर पिचाई ने भारतीय मूल के अब्दुल कादर कासिम (55) को अपनी भतीजी नूरजान अब्दुल करीम (58) से शादी करने के लिए पूछा। नूरजान सिंगापुर की निवासी है और आर्थिक रूप से खराब स्थिति में थी। शादी के बदले में मीरान ने अपनी भतीजी को अपने सहकर्मी की प्रायोजक बनने को राजी कर लिया।
टुडे अखबार ने बुधवार को बताया की नागूर ने अपनी भतीजी को अपने सहकर्मी का प्रायोजक बनाया क्योंकि सिंगापुर में अल्पकालिक यात्रा पास के लिए आवेदकों को आमतौर पर एक स्थानीय प्रायोजक की आवश्यकता होती है, इससे सिंगापुर में प्रवास को प्रवेश की तारीख से 89 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है। अब्दुल अपने अल्पकालिक यात्रा पास का विस्तार करना चाहता था, जबकि नूरजान आर्थिक तंगी से गुजर रही थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, अब्दुल ने नूरजान को 25,000 सिंगापुरी डॉलर का भुगतान किया और मीरान को 1,000 सिंगापुरी डॉलर मिले। इसके बाद 17 सितंबर 2016 को दोनों ने निकाह कर लिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 28 सितंबर को मीरान को इमिग्रेशन एंड चेकपॉइंट्स अथॉरिटी (आईसीए) के अधिकारियों ने इमीग्रेशन एडवांटेज हासिल करने के लिए फायदे के लिए शादी कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
इस मामले में मीरान को छह महीने जेल की सजा सुनाई गई और अब्दुल और नूरजान को भी क्रमशः छह और सात महीने की जेल की सजा हुई।
सिंगापुर के कानून के मुताबिक, किसी को भी प्रवासी लाभ प्राप्त करने के लिए सौदेबाजी की शादी करने का दोषी पाए जाने पर दस साल तक की जेल या 10,000 सिंगापुर डॉलर तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है।