भारतीय पैरा खिलाड़ियों ने शानदार संयम और जज्बा दिखाते हुए बड़े टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है लेकिन अब भी उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी और खेलों की दिनचर्या में बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझना पड़ता है।
भारतीय दल ने 2021 तोक्यो पैरालंपिक में 19 पदक जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था और हाल में समाप्त हुए पैरा एशियाई खेलों में भारत ने इतिहास रचते हुए 29 स्वर्ण, 31 रजत और 51 कांस्य पदक सहित अभूतपूर्व 111 पदक अपनी झोली में डाले।
भारत की स्टार पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी और राष्ट्रमंडल खेलों की मौजूदा चैम्पियन भाविना पटेल ने पैरालंपिक रजत में पैरा एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक भी जोड़ दिया। उन्हें लगता है कि पैरा खिलाड़ियों को सशक्त बनाने के लिए और अधिक किये जाने की जरूरत है।
भाविना ने पीटीआई से कहा, ‘‘अब भी काफी सारे सरकारी कार्यालय हैं जहां व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। जब आप विदेशों में जाते हो तो आपको इस तरह की परेशानी कभी महसूस नहीं होती, वहां सब कुछ उपलब्ध होता है। इस तरह की सुविधाओं से हम और अधिक स्वतंत्र महसूस करेंगे। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘काफी सारे राज्यों में पैरा खिलाड़ियों के लिए नीतियां ही नहीं हैं और इन्हें जल्द से जल्द बनाया जाना चाहिए। पैरा एथलीट और सामान्य खिलाड़ियों की सुविधाओं में काफी अंतर है इसलिये इन्हें पूरा किया जाना चाहिए। ’’
भाविना ने कहा, ‘‘पहले की तुलना में काफी सुधार हुआ है लेकिन इन्हें अगले स्तर तक ले जाने के लिए इन सभी विभागों में सुधार की जरूरत है। पैरा खिलाड़ी अपना स्तर सुधारने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन अगर उन्हें इन चीजों का सहयोग मिलेगा तो वे और बेहतर कर सकते हैं। ’’
पैरालंपिक चैम्पियन बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर को लगता है कि बड़े हॉल में ट्रेनिंग करने से वे और अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब हम टूर्नामेंट के लिये विदेशों की यात्रा करते हैं तो हम उनके स्टेडियम में जाते हैं और ट्रेनिंग करते हैं तो हमें उनके बड़े कोर्ट से थोड़ा अजीब महसूस होता है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जयपुर में ट्रेनिंग करता हूं जहां एक हॉल में 11 कोर्ट हैं जो सरकार द्वारा मुहैया कराये गये हैं लेकिन काफी स्थानों पर यह सुविधा नहीं हैं।’’
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को एशियाई पैरा खेलों के कुछ पदक विजेताओं से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सरकार पैरा खिलाड़ियों के लिए बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।
ठाकुर ने कहा, ‘‘हम भोपाल और कुछ अन्य जगहों पर पैरा खेलों के लिए कुछ नये केंद्र बना रहे हैं। अगर प्रत्येक क्षेत्र में एक बड़ा केंद्र है तो हम कुछ राज्य सरकारों से भी बात करेंगे कि इनमें कुछ बदलाव किया जाये ताकि इन्हें खेलों के लिए इस्तेमाल किया जा सके। ’’
उन्होंने यह भी कहा कि खेलो इंडिया पैरा खेलों पर भी काम जारी है।