भारत ने खलिस्तायों पर ऐसा कड़ा प्रहार किया है कि अब तिरंगे की तस्वीर देख लेने भर से ही इनकी रूह कांप जाएगी। भारत द्वारा तिरंगे के अपमान का बदला लेने वाली खबर ने ब्रिटेन से लेकर कनाडा तक में हलचल मचा दी है। आपको याद होगा कि पिछले साल मार्च में 50 खालिस्तानियों के एक झुंड ने लंदन में भारतीय हाई कमीशन पर हमला कर दिया था। इन बुजदिल खालिस्तानियों ने लंदन हाई कमीशन पर लगे तिरंगे का अपमान किया था। लेकिन अब भारतीय हाई कमीशन पर हमले का मुख्य आरोपी इंदरपाल सिंह गाबा पकड़ा गया है। इंदरपाल सिंह गाबा को एनआईए ने गिरफ्तार किया है। इंदरपाल सिंह गाबा ठीक है गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है। इसने ब्रिटेन कनाडा में खालिस्तान नेटवर्क के नींद उड़ा दी है।
इसे भी पढ़ें: Britain में पारिवारिक विवादों से निपटने के लिए खुली पहली सिख अदालत
एनआईए ने खुद ही इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि ब्रिटेन के हाउंस्लो के निवासी इंद्रपाल सिंह गाबा को 22 मार्च को 2,000 से अधिक खालिस्तान समर्थक समर्थकों के उच्चायोग की इमारत में तोड़फोड़ और 19 मार्च को उच्चायोग की इमारत से भारतीय ध्वज को उतारने वाली घटना में उसकी कथित भूमिका के लिए दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शनकारियों की तरफ से ये आयोजन ब्रिटेन स्थित सिख कट्टरपंथी और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) नेता अवतार सिंह खांडा के मार्गदर्शन में किया गया था। ये वही खांडा है जिसकी जून 2023 में ब्रिटेन के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई। खांडा खालिस्तानी आतंकवादी जगतार सिंह तारा का करीबी सहयोगी था। खालिस्तानियों की तरफ से यह प्रदर्शन 18 मार्च को वारिस पंजाब प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के प्रतिरोध के तौर पर की गई थी। सिंह वर्तमान में असम की एक उच्च सुरक्षा जेल में बंद हैं।
इसे भी पढ़ें: Britain ने Ukraine को 62 करोड़ डॉलर की नयी सैन्य सहायता देने का वादा किया
एनआईए के प्रवक्ता ने बयान में कहा कि एक बड़ी सफलता में एनआईए ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर हिंसक हमले और उसके बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान गैरकानूनी कार्रवाइयों से संबंधित 2023 के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया। प्रवक्ता ने कहा कि गाबा को 22 मार्च, 2023 के विरोध प्रदर्शन के दौरान गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए गिरफ्तार किया गया। हालाँकि, एजेंसी ने यह नहीं बताया कि गाबा को हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था या उसके यहाँ आने का उद्देश्य क्या था। एजेंसी ने हमले में उसकी सटीक भूमिका या खालिस्तानी समर्थक नेताओं के साथ उसके संबंध का भी खुलासा नहीं किया।